अजित पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचाने वाला बयान दिया है। जिस गौतम अडानी और पीएम मोदी के संबंधों को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर रही है, उसी अडानी को उन्होंने बीजेपी-एनसीपी के बीच गठबंधन कराने वाले वार्ताकारों में शामिल बताया है। बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुती सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुलासा किया है कि गौतम अडानी पाँच साल पहले बीजेपी और एनसीपी में गठबंधन कराने वाली वार्ता में शामिल थे।
अजित पवार ने द न्यूज़ मिनट को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि पाँच साल पहले उद्योगपति गौतम अडानी भाजपा और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच हुई एक महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा थे। अजित उस घटनाक्रम का ज़िक्र कर रहे थे जब पाँच साल पहले कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन सरकार बनना क़रीब-क़रीब तय हो चुका था, लेकिन सुबह ही अचानक किए गए समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और खुद ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी।
पाँच साल पहले अजित की वह बगावत क़रीब तीन दिन ही चल पाई थी। तब शरद पवार ने उनका समर्थन नहीं करने का फैसला किया था। इसके बाद अजित पवार के साथ गए अधिकांश विधायक शरद पवार के साथ वापस आ गए थे। कुछ दिनों बाद अविभाजित एनसीपी और शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए सरकार बनाई।
एमवीए सरकार गठन के क़रीब ढाई साल बाद शिवसेना में बगावत हो गई और सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे के खेमे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। बाद में अजित पवार ने भी एनसीपी में बगावत कर दी और वह शिंदे व बीजेपी वाली सरकार में शामिल हो गए। अब महाराष्ट्र की इस सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इसके लिए चुनाव हो रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि उनके चाचा शरद पवार ने क्रॉसओवर क्यों नहीं किया, अजित ने कहा, 'शरद पवार ऐसे व्यक्ति हैं जिनके मन की बात कभी नहीं जानी जा सकती है। दुनिया में कोई भी व्यक्ति भविष्यवाणी नहीं कर सकता। हमारी चाची भी नहीं और न ही सुप्रिया।' जब पूछा गया तो शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सुप्रिया ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से बता दूं कि मुझे उपस्थित लोगों की ऐसी किसी भी बैठक के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, जिसका उन्होंने साक्षात्कार में उल्लेख किया है।'
हालांकि, राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, गौतम अडानी ने महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए बैठकों में भाग लिया, जिसमें यह तय किया गया कि कैसे गठबंधन को ठीक करने की कोशिश की जाए। यह कुछ गंभीर सवाल उठाता है: क्या वह भाजपा के अधिकृत वार्ताकार हैं? क्या उन्हें गठबंधन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है? एक व्यवसायी महाराष्ट्र में किसी भी क़ीमत पर भाजपा को सत्ता में लाने के लिए इतनी उत्सुकता और बारीकी से काम क्यों कर रहा है?'
As per Ajit Pawar ji, this meeting was in 2019 when Devendra Fadnavis became the shortest duration CM in a very early morning ceremony. And again in 2022.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) November 12, 2024
Adani Sarkar for a reason. https://t.co/Tvx7ekDntn
दो खबरें एक साथ पढ़िए
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 12, 2024
▪️अजीत पवार ने बड़ा खुलासा करके बताया कि जब 2019 में अमित शाह महाराष्ट्र की चुनी हुई सरकार गिरा रहे थे तो उस मीटिंग में गौतम अडानी भी मौजूद थे
▪️IANS ने अपने एक फ़र्ज़ी सर्वे में बताया कि अजीत पवार गुट वाली NCP मुंबई में 5 सीटें जीत रही है, जबकि वो लड़… pic.twitter.com/ikzhuyEUNf
अंग्रेज़ी अख़बार ने रिपोर्ट दी है कि संपर्क किए जाने पर अडानी समूह के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार एक भाजपा सूत्र ने कहा कि भले ही अजित पवार ने कहा कि यह पांच साल पहले हुआ था, लेकिन जिस बैठक का उन्होंने उल्लेख किया वह वास्तव में 2017 में हुई थी।
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