महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और उनके परिवार से जुड़ी 1000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया गया है। इनमें से मुंबई के नरीमन टावर में बने निर्मल टावर की कुछ संपत्तियां, एक शुगर फ़ैक्ट्री और एक रिजॉर्ट भी शामिल है। यह आरोप है कि इन सभी संपत्तियों को अवैध रूप से ख़रीदा गया है।
सूत्रों के मुताबिक़, आयकर विभाग का कहना है कि अजित पवार और उनके परिवार को इन बेनामी संपत्तियों से फ़ायदा मिला है। इसे देखते हुए एंटी बेनामी एक्ट लगाया गया है। पिछले महीने भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने अजित पवार की बहनों के घरों और फर्म पर छापेमारी की थी।
आयकर विभाग ने कहा था कि अजित पवार और उनके परिवार के लोगों से क़रीब 1050 करोड़ के ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी हाथ लगी है। आयकर विभाग ने पवार के रिश्तेदारों के 25 रिहायशी घरों, 15 दफ्तरों पर छापेमारी की थी।
आयकर विभाग की छापेमारी के जवाब में अजित पवार ने कहा था कि आयकर विभाग को किसी भी कंपनी या निजी व्यक्ति पर छापेमारी करने का अधिकार है लेकिन उनकी बहनों के घर पर की गई छापेमारी पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई है।
ताक़त का ग़लत इस्तेमाल?
पवार ने कहा था कि उनकी सभी संस्थाएं नियमित रूप से टैक्स देती हैं। उन्होंने जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाया था। एनसीपी के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भी अजित पवार के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि लोग देख रहे हैं कि किस तरह ताक़त का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है।
ईडी ने की थी कार्रवाई
इससे पहले ईडी ने जुलाई में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने अजित पवार की 65 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया था। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हज़ारों करोड़ रुपये के इस घोटाले की काफ़ी गूंज हुई थी। तब बॉम्बे हाई कोर्ट ने अजित पवार, पूर्व सांसद विजयसिंह मोहिते पाटिल, पूर्व सांसद आनंद राव अडसूल, शिवाजी राव नलावडे, दिलीप सोपल सहित 69 नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
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