शिवसेना थोड़ी देर में मातोश्री में अपने विधायक दल का नेता चुनेगी और सम्भवतः आदित्य ठाकरे के नाम पर ही मुहर लगेगी। इससे पहले बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को शक्ति प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर से अपने विधायक दल का नेता चुन लिया था। इसी क्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी अजित पवार को नेता चुना है।
यह माना जा रहा है कि मातोश्री पर जब नवनिर्वाचित विधायक जुटेंगे तो वे एक बार फिर से सत्ता में उचित भागीदारी तथा मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी का दावा बुलंद करेंगे। मातोश्री पर होने वाली इस बैठक में शक्ति प्रदर्शन होने की भी संभावना है। बीजेपी, शिवसेना विधायक दल का नेता तो चुन रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, सरकार किसकी और कैसे बनेगी, यह सवाल अभी भी कायम है। साथ में एक रहस्य भी बढ़ता जा रहा है निर्दलीय विधायकों का किस पार्टी को कितना समर्थन है।
बीजेपी और शिवसेना दोनों अब यह दावा कर रहे हैं कि निर्दलीय विधायकों को मिलाकर उनके विधायकों की संख्या उसी आंकड़े को छू लेती है जितने विधायक उनके 2014 में जीते थे।
2014 में बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटों पर जीत मिली थी। प्रदेश में इस बारे 12 निर्दलीय विधायक जीते हैं जिनमें तीन बीजेपी के बाग़ी भी हैं। इन सबका भी यदि बीजेपी को समर्थन मिल जाए तब भी यह संख्या 122 नहीं पंहुचती क्योंकि इस बार बीजेपी के 105 विधायक ही जीते हैं।
शिवसेना ने जारी की सूची
कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ जो छोटी पार्टियां जिनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन विकास आघाडी, राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, शेतकरी कामगार पार्टी आदि शामिल हैं, के विधायकों की संख्या जोड़ा जाये तो यह आंकड़ा 112 होता है। इसके अलावा प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के भी दो विधायक हैं।
बुधवार को जब निर्दलीय विधायक मंजुला गावित शिवसेना के प्रति समर्थन व्यक्त करने मातोश्री पहुंची थीं तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि 50:50 के फ़ॉर्मूले पर वह कायम हैं और इसे लागू कराने के लिए जो कुछ संभव होगा, करेंगे।
राउत ने कहा था, ‘हमें जल्दबाज़ी नहीं है, महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार का सवाल है, जिसका निर्माण बहुत सोच-विचारकर और शांत भाव से करना है।’
बीजेपी ने किया शक्ति प्रदर्शन
बुधवार को जब बीजेपी के विधायक जब विधानसभा भवन में विधायक दल का नेता चुनने के लिए एकत्र हुए थे तो वह माहौल किसी शक्ति प्रदर्शन से कम नहीं था। भगवा रंग के साफे में जय भवानी-जय शिवाजी का नारा देते हुए ये विधायक वहां पहुंचे थे। विधायक दल का नेता कौन बनेगा यह तो पूर्व से ही निर्धारित था लेकिन बीजेपी विधायक जिस तरह का प्रदर्शन कर रहे थे, वह यह दर्शा रहा था कि जैसे वे सरकार बनाने आये हैं।
अजित पवार ने किया तंज
बीजेपी के शक्ति प्रदर्शन पर एनसीपी के विधायक दल के नेता अजित पवार ने तंज भी किया। उन्होंने कहा कि जो ‘220 प्लस’ का दावा करते थे, बारामती में जीत की बात करते थे, वे आज खामोश हैं! अजित पवार ने कहा कि एनसीपी व कांग्रेस के 35 विधायक तोड़ कर ये (बीजेपी-शिवसेना) चुनाव लड़े थे, यदि उन्होंने दल-बदल का यह खेल नहीं खेला होता तो उनको उनकी असलियत पता चल जाती। पवार ने कहा कि हमें इस बार मजबूत विपक्ष के रूप में जनता ने चुना है और इसका अहसास हम इन्हें विधानसभा में करा देंगे।
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