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भोपाल के बी.टेक के छात्र निशांक राठौर की ‘सुसाइड मिस्ट्री’ की गुत्थी 36 घंटे बाद भी नहीं सुलझ पायी है। शहर से करीब 48 किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर छात्र के मिले शव के अलावा उसके ही मोबाइल फोन से पिता को भेजे गये कट्टर धार्मिक संदेशों एवं सोशल मीडिया पर अपलोड हुई पोस्टों ने पूरे मसले को सनसनीखेज और पेचीदा बनाया हुआ है।
बता दें, भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज के बी.टेक के छात्र निशांक राठौर का शव राजधानी से 48 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के बरखेड़ा चौकी के रेलवे ट्रैक पर रविवार की शाम को मिला था। शव मिलने वाले स्थान से करीब 100 मीटर दूर निशांक का दोपहिया वाहन खड़ा मिला था।
मूलतः सिवनी मालवा का रहने वाला निशांक भोपाल में रहकर पढ़ रहा था। उसके पिता सहकारिता विभाग में ऑडिटर हैं। निशांक की दो बहनें हैं।
जांच में सामने आया है कि निशांक ने भोपाल से दोपहिया वाहन किराये पर लिया था। किराये के इसी वाहन से वह बरखेड़ा चौकी पहुंचा था। शुरूआती जांच और पहली नज़र में रायसेन पुलिस ने मामले को सुसाइड माना था। इसी एंगल से वह पूरे मामले की जांच भी कर रही है।
मामला सनसनीखेज और पेचीदा तब हो गया जब निशांक की मौत की सूचना उसके परिजनों को दी गई। असल में निशांक के मोबाइल फोन से पिता उमाशंकर राठौर को धार्मिक कट्टरता दर्शाने वाले तीन संदेश भेजे गये थे। ये संदेश निशांक की मौत के कुछ देर पहले ही भेजे गये।
इन मैसेज में लिखा गया था, ‘नबी से गुस्ताख़ी नहीं’, ‘राठौर साहब बहुत बहादुर था आपका बेटा’ और ‘गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा।’
निशांक की मौत की गुत्थी को इन्हीं संदेशों और उसके सोशल मीडिया पर दर्ज हुई कुछ पोस्टों ने उलझा दिया है। पुलिस सुसाइड के साथ ही संदेशों और सोशल मीडिया पर अपलोड हुई पोस्टों की जांच-पड़ताल कर रही है।
रायसेन और भोपाल पुलिस ने अब तक जो जांच की है, उसमें सामने आया है कि निशांक भोपाल से अकेला ही निकला था। भोपाल से लेकर बरखेड़ा तक सड़कों और अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को पुलिस ने खंगाला है। पूरे रास्ते में भी दोपहिया पर वह अकेले ही जाता दिखाई पड़ रहा है।
निशांक की शार्ट पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट आयी है, उसके अनुसार मौत की वजह ट्रेन से कटकर होना ही आया है। लोको पायलट से भी पूछताछ हुई है। उसने बताया है कि ट्रैक पर निशांक ही अकेला दिखा है। अन्य कोई नज़र नहीं आया।
अब बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि यदि निशांक को सुसाइड ही करना था तो भोपाल के निकट की जगह से करीब 48 किलोमीटर दूर बरखेड़ा का रेलवे ट्रैक आखिर उसने क्यों चुना?
सवाल यह भी है कि आमतौर पर मोबाइल फोन लॉक होता है। किसी अन्य ने संदेश भेजने के लिए फोन का उपयोग किया तो फोन अनलॉक कैसे हुआ? मौत से ठीक पहले पिता को संदेश किसने और क्यों दिये? क्या स्वयं निशांक ने अपने पिता को संदेश दिये? संदेश दिया भी तो पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग आखिर उसने क्यों दिया होगा?
बताते हैं कि पिता का इकलौता बेटा निशांक बाइक चलाने का शौकीन था। एक जानकारी यह भी सामने आ रही है कि पिता ने उससे बैंक स्टेटमेंट मांगा था। जिसे वह बीते तीन-चार दिनों से पिता को नहीं दे रहा था। रविवार को सवा तीन बजे पिता का फोन आया था, लेकिन उसने यह फोन रिसीव नहीं किया था।
पुलिस ने जो छानबीन की है, उसमें निशांक द्वारा आखिरी ट्रांजेक्शन 450 रुपये का करना पाया गया है। बरखेड़ा चौकी के ठीक पहले पड़े पंप से उसने अपने वाहन में पेट्रोल डलवाया था। यह भी सामने आया है कि कुछ ट्रांजेक्शन क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग के लिये हुए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ संदेश ऐसे भी मिले हैं जिसमें निशांक के दोस्तों ने उधारी चुकाने को लेकर तकाजा किया है।
निशांक के फोन से 5 बजकर 28 मिनट पर एक फोटो की एडिटिंग हुई है। जबकि 6 बजकर 14 मिनट पर उसकी मौत की सूचना आयी है। पुलिस करीब 46 मिनट के समय की खास जांच कर रही है। विशेषज्ञों की मदद जांच में ली जा रही है।
रविवार दोपहर को करीब 12 बजे निशांक ने एक महिला मित्र से फोन पर बात की थी। ये बातचीत चार मिनट से ज्यादा वक्त तक चली थी। पुलिस ने लड़की से बातचीत के बारे में पूछा है। लड़की ने बताया है बातचीत का मुद्दा खास नहीं था, लेकिन निशांक परेशान लग रहा था।
एसपी रायसेन विकास साहवाल ने मीडिया से कहा, ‘शार्ट पोस्टमार्टम में मौत की वजह ट्रेन से कटकर होना ही पाया गया है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि निशांक के फोन से मैसेज और उसके सोशल मीडिया अकाउंट की स्टोरी में नया अपलोड किसने और क्यों किया है?
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