मुख्यमंत्री कमलनाथ कल दोपहर 12 बजे सीएम हाउस में पत्रकार वार्ता करेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद वह राजभवन जाकर अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं।
यह है मौजूदा गणित
230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में दो सीटें खाली हैं। ऐसे में 228 सदस्यों वाली विधानसभा में 22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद सदस्य संख्या 206 है। 206 सीटों की सदस्य संख्या के हिसाब से बहुमत के लिये कुल 104 विधायकों की आवश्यकता पड़ेगी। लेकिन कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। यदि चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा का एक विधायक कमलनाथ सरकार का सदन में साथ दे भी देते हैं तो भी कुल 99 विधायक ही हो सकेंगे। बहुमत साबित करने के लिए पाँच और विधायकों की ज़रूरत कमलनाथ सरकार को पड़ेगी। उधर, बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। ऐसे में बहुमत परीक्षण होने पर कमलनाथ सरकार का सदन में हारना सुनिश्चित लग रहा है।
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