मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में एक दरगाह पर कुछ असामाजिक तत्वों ने भगवा रंग लगा दिया। दरगाह पर तोड़फोड़ भी की गई है। यह घटना रविवार सुबह हुई। दरगाह 50 साल पुरानी है।
घटना का पता तब चला जब कुछ युवकों ने देखा कि दरगाह पर भगवा रंग लगा दिया गया है और इसका दरवाजा भी टूटा हुआ है। दरगाह की देखरेख करने वाले अब्दुल सत्तार ने कहा कि इन युवकों ने ही उन्हें इस बारे में सूचित किया।
अब्दुल सत्तार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि दरगाह के दरवाजे को तोड़कर पास की नदी में बहा दिया गया था। ग्रामीणों के मुताबिक, जब उन्होंने इस मामले में हाईवे को जाम किया तब पुलिस एक्शन में आई और कार्रवाई का भरोसा दिया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और पुलिस अलर्ट पर है। दरगाह पर फिर से पुताई की गई है और इसकी मरम्मत भी कराई गई है। पुलिस ने कहा है कि इस घटना को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि इस इलाके में पहले कभी भी सांप्रदायिक तनाव नहीं रहा है और ऐसा नहीं लगता कि स्थानीय लोगों ने यह हरकत की है।
निश्चित रूप से यह कोशिश सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की है। इससे पहले इस तरह की कोशिश बीते साल दिल्ली में हुई थी जब संसद के पास मुसलमानों के खिलाफ नफरती नारेबाजी हुई थी। बीते कई महीनों से गुड़गांव में सड़कों पर नमाज पढ़ने का विरोध हो रहा है और इसे लेकर हिंदू संगठन लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान मुसलमानों को लेकर तमाम तरह की भड़काऊ बयानबाजी भी की गई।
सवाल यही है कि इस तरह की हरकतें क्या जानबूझकर की जा रही हैं। ऐसे में अमन का माहौल कायम रखना बेहद मुश्किल होगा और इसका फायदा उन राजनीतिक दलों को होगा जो सांप्रदायिक राजनीति करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान सरकार को दरगाह पर भगवा रंग लगाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिससे ऐसा फिर से ना हो सके।
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