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बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिला राज्यसभा का टिकट

‘सम्मान’ न मिलने से नाखुश होकर कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गये हैं। सिंधिया राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए। सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस छोड़ दी थी और इसके बाद उनके समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था। शामिल होने के तुरंत बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। ख़बर यह भी आ रही है कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा नाराज हैं। 

प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान सिंधिया ने कहा, ‘मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति उस संगठन (कांग्रेस) के माध्यम से नहीं हो पा रही है। इसके अलावा वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी की है, अब वह पहले जैसी पार्टी नहीं रही है।’ सिंधिया ने कहा, ‘कांग्रेस वास्तविकता से इनकार करती है, पार्टी में जड़ता का वातावरण है और नई सोच, नई विचारधारा को सही मान्यता नहीं मिल रही है। मैं अपने आपको सौभाग्यशाली समझता हूं कि मुझे मोदी, शाह व नड्डा जी ने जनसेवा के मार्ग पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है।’ 
उधर, मंगलवार को चले जोरदार सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस और बीजेपी अपने विधायकों को ख़रीद-फरोख़्त से ‘बचाने’ में जुट गये हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा कांग्रेस के 22 विधायक-मंत्रियों द्वारा इस्तीफ़ा देने के बाद कमलनाथ सरकार का सदन में बहुमत साबित कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि उनकी सरकार बहुमत साबित करेगी और कार्यकाल भी पूरा करेगी।  
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कर्नाटक में लंबे समय तक चले सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस के संकटमोचक रहे डी.के. शिवकुमार ने दावा किया है कि वह बाग़ी विधायकों के संपर्क में हैं और बाग़ी विधायक जल्दी वापस लौटेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस्तीफ़ा देने वाले कई विधायक पार्टी में वापस आने के लिये तैयार हैं। डी.के. शिवकुमार ने एनडीटीवी से कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के 19 विधायक पुलिस की हिरासत में हैं। 

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बहुमत साबित करना बेहद मुश्किल

22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद कांग्रेस के पास 92 विधायक रह गए हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। दो सीट अभी रिक्त हैं। 228 सीटों में से कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या 206 रह गई है। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों की आवश्कता होगी। कांग्रेस को यदि समर्थक दलों और निर्दलीय विधायकों का साथ मिल भी जाता है तो भी उसकी नैया पार होनी नामुमकिन है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा कि कमलनाथ इस्तीफ़ा नहीं देंगे और फ़्लोर टेस्ट का सामना करेंगे। सिंह ने दावा किया कि चारों निर्दलीय और बीएसपी विधायक कांग्रेस के साथ हैं। उन्होंने कुछ बाग़ी विधायकों के वापस आने की भी उम्मीद जताई।

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क़मर वहीद नक़वी
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