loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
55
एनडीए
25
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
227
एमवीए
53
अन्य
8

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

एमपी में मंत्रियों की संख्या पर मुश्किल में शिवराज, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्रियों की संख्या को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को नोटिस थमाया है। मध्य प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने काबीना सदस्यों की संख्या को लेकर सवाल उठाते हुए एक याचिका दायर की हुई है। प्रजापति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोटिस जारी किया है।

विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रजापति ने शिवराज मंत्रिमंडल के आकार को विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मौजूदा मान से वैधानिक व्यवस्था के ख़िलाफ़ बताया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि वर्तमान विधानसभा सदस्यों की संख्या के मुताबिक़ 34 मंत्री नहीं बनाए जा सकते, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वयं के साथ 34 सदस्य काबीना में रखे हैं। यह स्थिति वैधानिक व्यवस्था के विपरीत है। प्रजापति ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है।

ताज़ा ख़बरें

एनपी प्रजापति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैंस को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में प्रजापति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तनखा ने पक्ष रख रहे हैं। 

अनुच्छेद 164 1ए का उल्लंघन बताया

याचिकाकर्ता प्रजापति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तनखा ने दलील दी कि प्रदेश में हुआ मंत्रिमंडल विस्तार संविधान के अनुच्छेद 164 1ए का स्पष्ट उल्लंघन है। आर्टिकल 32 के तहत दायर याचिका में मुद्दा उठाया गया है कि हाल ही में सीएम शिवराज ने 28 मंत्रियों की नियुक्ति की है, जबकि इस विस्तार के पहले पाँच मंत्री नियुक्त किए गए थे। इस लिहाज़ से मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या सीएम सहित 34 हो गई है। 

दलील में यह भी कहा गया है कि यदि नियम की बात की जाए तो धारा 164ए के तहत विधानसभा की कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। फ़िलहाल सदस्यों के कुल आँकड़े के मान से अधिकतम सिर्फ़ 30 मंत्री बनाये जा सकते थे। लेकिन चार मंत्री ज़्यादा बना दिए गए हैं।

याचिकाकर्ता की दलील को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है। यहाँ बता दें मंत्रिमंडल गठन के साथ ही यह बात उठ रही थी कि नियम के विपरीत जाते हुए सदस्यों की संख्या ज़्यादा कर दी गई है जो क़ानून का उल्लंघन है। उपचुनावों के ठीक पहले प्रतिपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए शिवराज सरकार को घेर लिया है। 

मध्य प्रदेश से और ख़बरें
याचिका का मूल आधार विधानसभा की वर्तमान विधायकों की संख्या है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा का कहना है, ‘संविधान के अनुच्छेद 164 1ए के तहत किसी भी विधानसभा में मंत्रिमंडल की संख्या उसकी वर्तमान विधानसभा विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। संख्यामान से इस बात को समझें तो विधानसभा में वर्तमान में 230 विधायक होते तो कुल 34 मंत्री बनाए जा सकते थे। मगर जिस दिन मंत्रिमंडल का गठन हुआ, उस वक़्त 22 विधायक इस्तीफ़ा दे चुके थे, जबकि 2 सीटों पर उपचुनाव होने थे। ऐसे में 206 विधायकों के गणित से मंत्री परिषद की अधिकतम कुल संख्या 30.9 से ज़्यादा नहीं हो सकती है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें