कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इंदौर में बम से उड़ा देने और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को गोली मारने की धमकी देने वाले ‘सिरफिरे’ को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी उत्तर प्रदेश के रायबरेली का मूल निवासी है। इंदौर से लगे नागदा में गुरूवार को खाना खाते हुए एक होटल से पुलिस ने उसे पकड़ा। देर शाम पूछताछ के लिये उसे इंदौर लाया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया, ‘मेरा कोई नहीं है। मैं अपनी मौत चाहता था, इसलिए मैंने यह कदम उठाया।’
बता दें, बीती 18 नवबंर को इंदौर में एक स्वीट्स की दुकान पर एक धमकी भरा खत मिला था। इस खत में नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में इंदौर में सिलसिलेवार बम धमाके करने के साथ ही राहुल गांधी और कमल नाथ की जान ले लेने की धमकी दी गई थी।
इस गुमनाम खत में रतलाम के भाजपा विधायक चेतन कश्यप का नाम और तीन मोबाइल नंबर लिखे हुए थे। एक युवक के आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी पत्र के साथ नत्थी थी। खत की भाषा, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की छाया प्रति को देखने के बाद पुलिस शुरुआत में मान रही थी कि यह पत्र पंजाब के करनाल से भेजा गया है।
पुलिस ने मोबाइल नंबरों के आधार पर ज्ञानसिंह नामक एक ऑटो ड्राइवर, भागीरथ और मेहताब सिंह को संदेह के आधार पर पकड़ा था। पूछताछ में पुलिस को दया सिंह उर्फ प्यारे सिंह का सुराग मिला। खत लिखने वाले के कुछ दिन पहले रतलाम में ठहरने की भनक भी पुलिस को लगी थी।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने संदेही शख्स की फोटो अन्य थानों को दी थी। फोटो की पड़ताल के चलते गुरुवार को नागदा पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया था। पकड़े गये आरोपी के पास से उत्तर प्रदेश के रायबरेली का आधार कार्ड मिला। इसके बाद पुलिस और सकते में आ गई।
दरअसल, राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा लेकर मध्य प्रदेश पहुंचे हुए हैं। राहुल गांधी की यात्रा 4 दिसंबर तक मध्य प्रदेश में रहने वाली है। वे इंदौर और उज्जैन जाने वाले हैं। राहुल की यात्रा के ठीक पहले मिले गुमनाम खत ने मध्य प्रदेश पुलिस के साथ सरकार को भी सकते में डाला हुआ था। आरोपी के पकड़े जाने के बाद पुलिस को कुछ राहत मिली है।
‘आरोपी बोला- मर जाना चाहता हूं’
उच्च पदस्थ पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके परिवार में कोई नहीं है। उसका यूपी के रायबरेली में मकान था, लेकिन वह टूट गया। जिंदगी से परेशान होकर धमकी भरा लेटर उसने लिखा था। वह मौत चाहता है, इसलिए उसने यह कदम उठाया। आरोपी कॉमर्स ग्रेजुएट है और कई वर्षों तक पंजाब के विभिन्न गुरुद्वारों में उसने समय बिताया है।
दो बैग भरकर पेंटिंग मिलीं
पुलिस को आरोपी के पास से दो बैग भरकर पेटिंग मिली हैं। दो कॉपियां और कई पत्र भी मिले। आरोपी ने कबूल किया है कि नागदा से उसका महाराष्ट्र के नांदेड़ में गोदावरी नदी के तट पर बने एक आश्रम में जाने का कार्यक्रम था। आरोपी ने बहुत लंबा वक्त इंदौर, जबलपुर, दिल्ली में बताया है।
बघेल को भी दी थी धमकी!
पूछताछ में आरोपी के ‘सिरफिरा’ (मानसिक रूप से असमान्य) होने के संकेत भी पुलिस को मिले हैं। उसने दावा किया है कि राजनेताओं और अफसरों को धमकाना उसका ‘शौक’ है। आरोपी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व रतलाम के विधायक को धमकी भरे पत्र लिखने का दावा भी किया है। पुलिस को जो दस्तावेज उसके पास से मिले हैं, उसमें डाक घर के कोरे पत्र व कई मोबाइल नंबर भी शामिल हैं।
अपनी राय बतायें