ग्वालियर ज़िले के भितरवार कस्बे में सोमवार को लाॅकडाउन तोड़ने वाले एक रेहड़ी वाले के पीट-पीटकर दोनों हाथ तोड़ देने के दो आरोपी पुलिस वालों के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश पुलिस ने आपराधिक मुक़दमा दर्ज किया है। मजबूर रेहड़ी वाले पर बर्बर तरीक़े से टूट पड़ने वाले दोनों ही पुलिस वालों को सस्पेंड भी किया गया है।
भितरवार थाना क्षेत्र में रहने वाला सूरज लोहपीटे नामक आदिवासी युवक अपनी पत्नी और तीन साल की बिटिया के साथ बाइक से पास के गाँव जा रहा था। ग्वालियर-शिवपुरी बॉर्डर पर बनियानी चौकी के पास सूरज को रोका गया। चौकी पर ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों ने लॉकडाउन में निकलने की वजह पूछी। सूरज ने बताया कि वह लोहे का समान बनाता और बेचता है और पास के गाँव में समान देने जा रहा है।
लॉकडाउन तोड़ने को लेकर पहले तो पुलिस कर्मियों ने उसे भला-बुरा कहा और बाद में पिटाई शुरू कर दी। सूरज ने मजबूरी बताई। उसकी पत्नी ने भी मिन्नतें कीं। पुलिस वाले नहीं रुके। पत्नी बीच में आयी तो पुलिस कर्मियों ने उसे भी पीट दिया। इनकी बच्ची रोती रही। पुलिस वालों का दिल नहीं पसीजा।
पुलिस वालों की ज़बरदस्त पिटाई से सूरज के दोनों हाथों में फ्रेक्चर हो गया। निढाल होकर वह सड़क पर ही गिर गया। चीख-पुकार सुनकर गाँव के लोग मौक़े पर पहुँचे। विरोध जताया। लोगों ने बामुश्किल सूरज को सड़क से उठाकर एक तरफ़ छाँव में लिटाया। रोती-बिलखती पत्नी अपनी बच्ची को लेकर गाँव वालों के साथ सड़क पर ही बैठ गई।
घटनाक्रम की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मौक़े पर पहुँचे। रेंज की कमान संभाल रहे एडीजीपी राजाबाबू सिंह ने पूरे घटनाक्रम को जानने के बाद दोनों पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया। जाँच बैठा दी। बाद में सूरज और उसकी पत्नी की शिकायत पर दोनों पुलिस वालों के ख़िलाफ़ संबंधित थाने में मुक़दमा भी दर्ज कर लिया गया।
क्षेत्र के एसडीओपी शैलेन्द्र जादौन ने मीडिया को बताया कि बनियानी चौकी पर तैनात पुलिस वालों से सूरज द्वारा बहस किये जाने की शिकायत मिली है। जाँच बैठ चुकी है। सच क्या था? जाँच में सामने आ जायेगा। सवालों के जवाब में एसडीओपी ने माना कि भले ही सूरज ने बहस की थी या लाॅकडाउन तोड़ा था, लेकिन बेरहमी से उसकी पिटाई किसी भी सूरत में उचित नहीं मानी जा सकती।
पुलिस की पिटाई में बुरी तरह घायल सूरज लोहपीटे को पहले पिछोर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफ़र कर दिया गया। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि वो पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने के लिए रिपोर्ट तैयार कर भोपाल भेजेंगे।
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