उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और हमीरपुर के बाद अब रविवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लड़की के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है। शहर के कमला नगर क्षेत्र में नौ साल की एक लड़की की क्षत-विक्षत लाश मिली है। हत्या के पहले लड़की के साथ रेप किया गया है। हत्याकांड में एक से ज़्यादा लोगों की भूमिका का संदेह है। मुँह और गला दबाकर हत्या करने के बाद लड़की के शव को नाले में फेंका गया है। घटनाक्रम सामने आने के बाद स्थानीय कांग्रेस पार्षद की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए। सात पुलिस वालों को संस्पेंड किया गया है। राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने पूरे घटनाक्रम पर अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा है, ‘आरोपी की पहचान हो गई है और वह जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।’
दरिंदगी की शिकार बच्ची के पिता कबाड़ ख़रीदने और बेचने का काम करते हैं। वह परिवार के साथ कमला नगर थाना क्षेत्र के मंडवा बस्ती में रहते हैं। बच्ची रात क़रीब साढ़े आठ बजे नानी के लिए गुटखा पाउच लेने के लिए गई थी। एक घंटा बीत जाने के बाद भी जब बच्ची नहीं लौटी तो परिवार वाले सक्रिय हुए। हालाँकि गुटखा पाउच घर में कूलर पर रखा मिला। काफ़ी तलाश के बाद भी जब बच्ची का कोई पता नहीं चला तो परिवारवालों ने डायल 100 पर फ़ोन किया। थाने भी गये। आरोप है कि तब पुलिस ने सहयोग करने की बजाय डांटकर उन्हें भगा दिया।
सुबह पाँच बजे बस्ती के निकट एक नाले में इस ग़ायब बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। मामूली संघर्ष के निशान भी शव पर मिले हैं। शव को देखने के बाद पहली नज़र में लग रहा है कि हत्या और रेप के पहले बच्ची से मारपीट की गई है।
पुलिस ने संदेह के आधार पर मृत बच्ची के एक रिश्तेदार और उसके दो साथियों को हिरासत में लिया है। हालाँकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है। गृह मंत्री का कहना है कि आरोपी की पहचान हो गई है और उसे पुलिस जल्दी पकड़ लेगी।
आरोप: पिता से मँगाई सिगरेट, बिना रिपोर्ट लिखे लौटाया
बच्ची का पिता रात को ही कमला नगर थाने पहुँच गया था। काफ़ी मिन्नतों के बाद भी पुलिस वालों ने उसका साथ नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल रूप सिंह ने परेशान पिता से शर्मनाक तरीक़े से कहा - ‘चिंता न करो, कहीं भाग गई होगी - सुबह आ जायेगी।’ आरोप तो यह भी है कि रूप सिंह ने लड़की के पिता से सिगरेट भी मँगवाई और पी। इसके बाद बिना रिपोर्ट लिखे उसे भगा दिया। रात क़रीब 11 बजे स्थानीय पार्षद के दबाव में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट भर लिखी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस यदि वक़्त रहते सक्रिय हो जाती तो संभव है कि बच्ची की जान नहीं जाती।
इन सात पुलिस वालों पर गिरी गाज
पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने के आरोप में सात पुलिस वालों को संस्पेंड किया गया है। इनमें एएसआई देव सिंह, प्रधान आरक्षक जगदीश और नरेंद्र कुमार तथा आरक्षक बृजेन्द्र सिंह, प्रहलाद, वीरेंद्र कुमार एवं रूप सिंह शामिल हैं।
पड़ोसी माँ-बेटी पर भी है शक
मारी गई बच्ची के पड़ोस में रहने वाली एक माँ-बेटी पर परिवार वालों को संदेह है। बताया गया है कि माँ-बेटी की दिनचर्या और रहन-सहन बेहद संदेहास्पद रहता था। इनके घर में आये दिन नये-नये और अनजान लोगों की आवाजाही रहती है। स्थानीय रहवासियों ने इस बारे में कई बार पुलिस को सूचनाएँ दीं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मोहल्लेवासियों की शिकायत तो यह भी है कि कई बार पुलिस वाले में इस घर से ‘मेल-मुलाकात’ के लिए आते थे और घंटों घर में ‘बैठते’ थे।
उज्जैन में भी हैवानियत
दो दिन पहले शुक्रवार को उज्जैन में भोपाल जैसा घटनाक्रम सामने आया था। दादा-दादी के पास सो रही पाँच साल की बालिका का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया गया था। बाद में दुष्कर्मियों ने सिर कुचलकर मारने के प्रयास के बाद बच्ची को ज़िन्दा ही क्षिप्रा नदी में फेंक दिया था। उज्जैन के घटनाक्रम में आरोपी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। आरोपी पड़ोसी ही निकला। पीएम रिपोर्ट के अनुसार आरोपी ने पहले मासूम के साथ ज़्यादती की। फिर ख़ुद की पहचान छुपाने के लिए ईंट से चेहरा कुचल दिया। इसके बाद बच्ची को ज़िंदा ही शिप्रा नदी में फेंक दिया। पानी में डूबने से मासूम की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी, पाक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया है।
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