मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है है कि ''मैं पहले भी सीएम दावेदार नहीं था, आज भी नहीं हूं और बाद में भी सीएम दावेदार नहीं रहूंगा। बीजेपी कार्यकर्ता किसी खास पद के लिए नहीं बल्कि बड़े मिशन के लिए काम करते हैं। हमें जो भी मिशन या काम मिलता है, हम उसे ईमानदारी से करते हैं।'' शिवराज के बयान का अर्थ साफ है। वो अपनी तरह से सीएम पद की कोई इच्छा नहीं जता रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि "मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। कल (बुधवार) मैं छिंदवाड़ा जाऊंगा जहां हमने विधानसभा की सभी 7 सीटें जीतीं। मेरा एक ही संकल्प है, अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी एमपी की सभी 29 सीटें जीतनी चाहिए।" बता दें कि छिंदवाड़ा कांग्रेस नेता कमलनाथ का गढ़ है लेकिन वहां भाजपा ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है।
एएनआई से बातचीत में बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि वह पीएम मोदी के साथ काम करने का मौका पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। चौहान ने कहा- "मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पीएम मोदी हमारे नेता हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है और हम ऐसे भारत के निर्माण के साधन हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा।" चौहान ने कहा, "एक कार्यकर्ता के रूप में, मैंने हमेशा इस मिशन को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित किया है।"
मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले ही भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवराज सिंह चौहान सीएम पद का चेहरा नहीं होंगे। एमपी में पूरा चुनाव मोदी-अमित शाह के सहारे लड़ा। लेकिन अब जब एमपी में भाजपा का प्रचंड बहुमत आया है तो इसी के साथ यह भी साफ हो गया कि इस जीत में शिवराज की विनम्र छवि की बड़ी भूमिका है। शिवराज सोमवार की रात को भी भोपाल के एक रेस्टोरेंट में परिवार के साथ आम आदमी की तरह खाना खाते मिले।
एमपी में अब रस्साकशी इस बात की चल रही है कि आखिर अब जब भाजपा आलाकमान शिवराज को ही फिर से बागडोर सौंपने पर मजबूर हो रहा है तो वो जनता को क्या बताएगा। कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता शिवराज की योजनाओं को मामूली श्रेय भी देने को तैयार नहीं हैं। विजयवर्गीय को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नजदीकी माना जाता है।
बहरहाल, शिवराज ने आगे कहा कि वह 2023 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के लोगों के प्यार और समर्थन के लिए आभारी हैं। चौहान ने कहा- "मैं मध्य प्रदेश की जनता का हृदय से आभारी हूं कि विधानसभा चुनाव 2023 में हमें उनका अपार प्यार और आशीर्वाद मिला। हमें अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला है। परिवार का सदस्य होने के नाते हम उनके लिए काम करते रहेंगे। कार्यकर्ता हूं और पार्टी ने जो काम मुझे दिया था, उसे मैंने अपनी पूरी क्षमता से पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पूरा करने का प्रयास किया है।''
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ और इसका परिणाम तीन अन्य राज्यों के साथ रविवार को घोषित किया गया। भाजपा ने राज्य में 163 सीटें जीतकर व्यापक जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस पार्टी 66 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही और भारत आदिवासी पार्टी ने राज्य में एक सीट जीती।
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