देश के सबसे साफ़-सुथरे ‘नंबर वन शहर’ के तमगे से दो बार नवाज़े गए इंदौर में कोरोना का कहर थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा है? क्या इसके लिए लापरवाहियाँ ज़िम्मेदार नहीं है? यदि ऐसा नहीं है तो कोरोना हाॅटस्पाॅट इंदौर में एक सांसद के मोहल्ले में अफ़सरों द्वारा ‘प्रोटोकाॅल’ को ताक पर रखे जाने का मामला क्यों आ रहा है? और क्यों विधायक बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं? बेहद मुश्किल लड़ाई के वक़्त प्रशासन द्वारा प्रोटोकाॅल को लेकर लापरवाही बरतने और नेताओं द्वारा कोरोना को राजनीति चमकाने का ज़रिया बनाने के प्रयासों ने आम आदमी के लिए ख़तरे को और बढ़ा दिया है।
मध्य प्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर देश के सबसे बड़े कोरोना हाॅटस्पाॅट वाले शहरों की टाॅप लिस्ट में बना हुआ है। इंदौर में अब तक क़रीब 1700 कोरोना पाॅजिटिव मरीज़ मिल चुके हैं। राज्य में सबसे ज़्यादा 81 मौतें अब तक इंदौर में ही दर्ज हुई हैं। दर्जनों बस्तियाँ कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं। हर दिन नये रोगी और बड़ी संख्या में कोरोना संदिग्ध मिल रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार और इंदौर प्रशासन कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुटे ज़रूर हैं, लेकिन कई अहम चूकें भी सामने आ रही हैं। मसलन, इंदौर के भाजपा सांसद शंकर ललवानी के उत्कर्ष कॉलोनी, मनीषा विहार कॉलोनी स्थित निवास के निकट कोरोना मरीज़ के पाए जाने के बावजूद उसे सील नहीं किया गया है। बता दें कि हैदराबाद से एक महीने पहले लौटी युवती गत दिवस कोविड-19 संक्रमित पायी गई है। पाॅजिटिव रोगी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि घर के अन्य संदिग्धों को क्वॉरंटीन सेंटर भेजा गया है।
इंदौर सांसद ललवानी ने ख़ुद मंगलवार को एक बयान जारी कर अपने निवास वाली लाइन के सातवें घर में कोरोना पेंशेंट और संदिग्धों को मिलने की पुष्टि की और कहा कि अब वे और उनका परिवार, कोरोना प्रोटोकाॅल के पालन को लेकर और सख़्त हो गया है।
इंदौर सांसद प्रोटोकाॅल का सख़्ती से पालन कर रहे हैं, लेकिन इंदौर प्रशासन और स्वास्थ्य अमला सख़्ती बरतता नज़र नहीं आया है। असल में ‘कोविड 19’ का रोगी मिलने वाले क्षेत्र को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित करने का प्रावधान प्रोटोकाॅल में है। रोगी मिलते ही संबंधित एरिया के एक किलोमीटर रेडियस को सील कर दिये जाने का प्रावधान है। दो दिन बीत जाने के बाद भी मनीषा विहार कॉलोनी में बुधवार देर शाम तक एरिया को सील करने की कार्रवाई नहीं की गई थी।
विरोधी आरोप लगा रहे हैं कि सांसद की ‘सुविधा’ के मद्देनज़र प्रशासन ने एरिया को सील नहीं किया है।
कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे ने की बड़ी बैठक
इंदौर में ही बुधवार को बीजेपी के विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा बड़ी बैठक बुलाए जाने पर भी हंगामा मचा। अपने निर्वाचन क्षेत्र पाटनीपुरा के मित्तल मांगलिक भवन में आकाश विजयवर्गीय द्वारा बैठक किये जाने की भनक लगने पर मीडिया पहुँचा तो उसे बैठक का कवरेज नहीं करने दिया गया। विजयवर्गीय के समर्थक कैमरों के सामने आ गये। हालाँकि, उनके रोकने के पहले ही कुछ मीडियाकर्मी बैठक के फुटेज बनाने में कामयाब हो गये। बैठक में 100 से ज़्यादा समर्थक दिखलाई पड़े। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ते हुए भी नज़र आयीं।
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय वही विधायक हैं, जिन्होंने कमलनाथ सरकार के दौरान इंदौर नगर निगम के एक अफ़सर की क्रिकेट बैट से पिटाई की थी। भाजपा के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश पर इस घटना को लेकर आपराधिक मुक़दमा भी दर्ज हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कृत्य की निंदा की थी।बहरहाल, आज की बैठक को लेकर मीडिया ने घेरा तो आकाश ने बैठक को जायज़ क़रार दिया। उन्होंने कहा, ‘कोई ग़रीब भूखा नहीं सोये इसकी व्यवस्था के लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी।’ बैठक में कोरोना प्रोटोकाॅल और सोशल डिस्टेंसिंग की मर्यादाओं के उल्लंघन होने संबंधी आरोपों को आकाश ने सिरे से खारिज़ किया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा, ‘शिवराज सिंह सरकार की कथनी और करनी में यही अंतर है। मामा शिवराज कहते कुछ हैं और होता कुछ है।’ गुप्ता ने याद दिलाया कि आम्बेडकर जयंती पर लाॅकडाउन के बीच चार लोगों के साथ भोपाल में आम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के मौजूदा विधायक पीसी शर्मा एवं उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ कोरोना प्रोटोकाॅल के उल्लंघन का मामला पुलिस ने दर्ज कर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के विधायक और नेता सतत नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, तब संबंधित ज़िलों के प्रशासन, पुलिस और सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है।
भूपेन्द्र गुप्ता ने भाजपा सांसद ललवानी के मोहल्ले को कंटेनमेंट एरिया घोषित न किये जाने को लोगों की जान से खिलवाड़ करार दिया।
ललवानी के घर के पास ही रहती हैं सुमित्रा महाजन
इंदौर सांसद ललवानी की कॉलोनी से लगे हुए मोहल्ले में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन रहती हैं। दोनों के घरों के बीच फासला चार-पाँच सौ मीटर के बीच है। वीवीआईपी सुरक्षा वाली राष्ट्रीय सूची में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष महाजन शुरुआती क्रम में आती हैं।
सवाल उठाने वाले ललवानी के क्षेत्र को सील ना किये जाने की ज़िला प्रशासन के क़दम को दोहरी नीति बताते हुए इसे आम जनता के साथ-साथ वीवीआईपी की जान से खिलवाड़ का बड़ा उदाहरण भी ठहरा रहे हैं।
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