मध्य प्रदेश के कद्दावर एवं चर्चित भाजपा नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेहद करीबियों में शुमार होने वाले नरोत्तम मिश्रा के बेटे के ग्वालियर स्थित रिसार्ट पर सीजीएसटी ने रेड की है। अब तक की खबरों के अनुसार रिसार्ट द्वारा ढाई करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ में आ गयी है। इस मामले के मद्देनजर सीजीएसटी द्वारा मिश्रा के अन्य संस्थानों को भी निगरानी में लेने की खबरें सामने आयी हैं।
नरोत्तम मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश के 6 बार के विधायक हैं। वे शिवराज सरकार में मंत्री रहे। अनेक महत्वपूर्ण विभाग उनके पास रहे हैं। शिवराज सरकार में प्रवक्ता का दायित्व भी मिश्रा के पास रहा। प्रवक्ता रहते हुए मिश्रा आये दिन अपने बयानों से राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनते रहे।
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शिवराज सरकार के पहले उन्हें उमा भारती और फिर बाबूलाल गौर मंत्रिमंडल में रहने का मौका भी मिला। नरोत्तम मिश्रा 2023 का विधानसभा चुनाव दतिया से हार गए हैं। कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने उन्हें हराकर पुरानी पराजय का बदला लिया। मिश्रा विधानसभा का चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी में उनकी पूछ परख कम नहीं हुई।
सीजीएसटी ने सोमवार से मंगलवार तड़के तक नरोत्तम मिश्रा के छोटे बेटे अंशुमन मिश्रा के रिसार्ट में छानबीन की। ग्वालियर में झांसी बाइपास रोड स्थित नैनागिर गांव के पास अंशुमन के इम्पीरियल गोल्फ नामक जिस रिसोर्ट में छापेमारी की गई, उसमें आलीशान कमरे हैं। साथ ही भव्य रेस्त्रां और अन्य विंग्स भी हैं। यह रिसोर्ट कई एकड़ में फैला हुआ है। अंशुमन, रिसोर्ट के डायरेक्टर हैं। उनके अलावा एक बिल्डर, रोहित वाधवा भी रिसोर्ट के डायरेक्टर हैं।
पता चला है कि केन्द्रीय उत्पाद एवं गुड्स टैक्स की टीम सोमवार दोपहर को रिसार्ट पहुंची थी। आज तड़के तक टीम तमाम दस्तावेजों को खंगालती रही। सामने आ रहा है कि टीम को कमरों के किराए के एवज में वसूली गई राशि में जीएसटी की चोरी की जानकारी मिली है। इसके साथ ही रेस्त्रां में भी बिल में कम जीएसटी राशि जमा कराने की जानकारी भी सामने आना बताई गई है।
सीजीएसटी ने अभी मीडिया के सामने कोई खुलासा नहीं किया है। कोई अधिकारिक बयान अथवा जानकारी भी टीम द्वारा नहीं दी गई है। मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते सीजीएसटी टीम का चुप्पी साध लेना, खास वजह मानी जा रही है। नरोत्तम मिश्रा आज भोपाल में हैं। लेकिन उनकी ओर से अभी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है।
चुनाव हारने के बाद भी कद बरकरार
नरोत्तम मिश्रा विधानसभा का चुनाव हारे जरूर हैं, लेकिन उनके कद एवं रूतबे में कमी नहीं आयी है। भारतीय जनता पार्टी के ‘आपरेशन लोटस’ विंग की मध्य प्रदेश इकाई के वे (नरोत्तम मिश्रा) अघोषित सदर हैं। लोकसभा चुनाव के ऐन पहले एमपी में दलबदल को लेकर चल रहे प्रत्येक ‘खेल’ में मिश्रा शामिल होते हैं।मध्य प्रदेश में विरोधी दलों के नेताओं को पार्टी ज्वाइन कराये जाने संबंधी हर कार्यक्रम में मिश्रा सबसे आगे दिखते हैं। दरअसल, विरोधी दलों के पाला बदलने से जुड़ी ज्वाइनिंग कमेटी का दायित्व पार्टी ने अधिकारिक तौर पर नरोत्तम मिश्रा को सौंपा हुआ है।
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यहां यह भी बता दें, चुनाव हारने के बाद भी नरोत्तम मिश्रा का भोपाल में भव्य सरकारी बंगला बरकरार है। उनके बंगले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, मोहन यादव सरकार के मंत्री और पार्टी की राज्य के इकाई के अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक बीते ढाई-तीन माह (विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से) में सतत पहुंचे हैं।
कई बड़े केन्द्रीय नेताओं का भोपाल आगमन के दौरान नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर मेल-मुलाकात करने पहुंचने का सिलसिला भी चर्चाओं में होता है। केन्द्र से जुड़े मप्र में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों में भी मिश्रा कई बार मंच पर नजर आये हैं। पार्टी से जुड़े राज्य एवं केन्द्रीय कार्यक्रमों में मिश्रा की उपस्थिति नियमित तौर पर होती है।
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