क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों को सालों तक वीकली ऑफ़ नहीं मिला था। लेकिन राज्य में अब सरकार बदलने के बाद उन्हें वीकली ऑफ़ मिलने लगा है।
राज्य की कमलनाथ सरकार ने उनसे विधानसभा चुनाव में किया वादा निभाते हुए वीकली ऑफ़ देने का आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले प्रदेश में पुलिसकर्मियों को बीमार होने पर, आकस्मिक छुट्टी (सीएल) और अर्जित छुट्टी (ईएल) तो मिलती थी लेकिन वीकली ऑफ़ नहीं मिलता था।
आप समझ सकते हैं कि सालों तक बिना वीकली ऑफ़ के काम करना कितना मुश्किल होता होगा और वह भी पुलिस विभाग की नौकरी, जहाँ आपको हमेशा अलर्ट रहना होता है। लंबे समय तक बिना वीकली ऑफ़ के काम कर बुरी तरह थक चुके पुलिसकर्मियों के लिए यह ऑफ़ बड़ी राहत लेकर आया। इसे पुलिसकर्मियों के लिए सरकार की ओर से न्यू ईयर गिफ़्ट माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीकली ऑफ़ का आदेश देने के बाद ट्वीट कर पुलिसकर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा हमने एक दिन के अवकाश का जो वचन दिया था, उसे पूरा करके दिखाया है।
राज्य सरकार का आदेश आने के बाद गुरुवार को 425 पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ़ मिला। सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने पहली बार वीकली ऑफ़ लिया। ये पुलिसकर्मी नौकरी में आने के बाद से ही लगातार काम रहे थे। सालों बाद पहली बार वीकली ऑफ़ मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने अपने परिवार के साथ मौज-मस्ती की। बहुत सालों बाद मिली एक छुट्टी को और यादगार बनाने के लिए कुछ पुलिसकर्मियों ने तो अपने बच्चों को इस दिन स्कूल भी नहीं जाने दिया।
38 साल बाद मिला वीकली ऑफ़
56 साल के सब इंस्पेक्टर उमा शंकर मिश्रा को 38 साल बाद गुरुवार को पहली बार वीकली ऑफ़ मिला। मिश्रा इससे बहुत खुश थे। उन्होंने कहा, मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने अपने परिवार के साथ रुका और ज़रूरी काम निपटाए। यह वैसा ही है, जैसे आपको पहली बार छुट्टी मिली हो’। 1981 में पुलिस में भर्ती हुए मिश्रा ने कहा कि छुट्टी से उन्हें टेंशन फ़्री होने में मदद मिली है। मिश्रा इन दिनों हबीबगंज पुलिस स्टेशन में तैनात हैं।
मिश्रा के अलावा, एएसआई राकेश शर्मा को भी सालों बाद वीकली ऑफ़ मिला। राकेश ने कहा, मुझे कई साल बाद आराम मिला और मैं अपने दो बच्चों के साथ गाँव नारायणसिंह गढ़ गया। मेरी छुट्टी होने के कारण बच्चे भी स्कूल नहीं गए। हम सभी ने छुट्टी में जमकर मौज-मस्ती की। उन्होंने बताया कि इससे पहले यह आसान नहीं था क्योंकि मुझे 10 बजे तक पुलिस स्टेशन पहुँचना होता था और अधिकतर दिन मैं देर रात तक घर लौटता था।
टीटी नगर पुलिस थाने में तैनात एसआई मनोज दवे सेना से रिटायर होने के बाद पुलिस में भर्ती हुए थे। वह बताते हैं कि यहाँ भी हालात सेना जैसे ही थे। उन्होंने बताया, ‘कई साल बाद गुरुवार को मैंने पूरे परिवार के साथ अच्छा समय गुजारा’।
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