मध्य प्रदेश की सूची को लेकर सबसे ज्यादा विवाद था। हालांकि कांग्रेस पितृ पक्ष से पहले सूची जारी भी नहीं करना चाहती थी। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने नवरात्र शुरू होते ही विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारो की पहली बहुप्रतीक्षित सूची जारी कर दी है। कुल 230 सीटों में से अपने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में सबसे चौंकाने वाला फैसला मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर और मौजूदा विधायक एन.पी. प्रजापति का टिकिट काट देना रहा है। कई विधायकों के नाम भी इस पहली सूची में नहीं हैं। कमल नाथ स्वयं छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे।
जो सूची आयी है। उसमें साफ है टिकिट के वितरण में एकतरफा कमल नाथ की चली है। टिकिटों के बंटवारे में नाथ के बाद दिग्विजय सिंह दूसरे नंबर पर रहे हैं। पूरी सूची में पहली नजर में ऐसा कोई नाम सामने नहीं आया है, जिसे आलाकमान अथवा पैराशूट से उतारा गया माना जाये। जानकार सूची को बेहतर करार दे रहे हैं। टिकिटों के वितरण में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने का प्रयास भी हुआ है।
ओबीसी वर्ग के 39 प्रत्याशीः 144 नामों में ओबीसी वर्ग के 39 प्रत्याशी हैं। पार्टी ने 65 टिकट 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के 22 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 30 उम्मीदवार के नामों की घोषणा की है। 19 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। 6 अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं को टिकट दिया गया है। 5 जैन और एक मुस्लिम को भी टिकट दिया गया है।
शिवराज के सामने टीवी एक्टर को उतारा
बुधनी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान के सामने विक्रम मस्ताल को टिकट दिया है। बुधनी के रहने वाले मस्ताल टीवी सीरियल एक्टर हैं। उन्होंने 2008 में रामायण सीरियल में काम किया है। इंदौर-1 में कैलाश विजयवर्गीय के सामने कांग्रेस के संजय शुक्ला चुनाव मैदान में होंगे। कांग्रेस ने शिवपुरी जिले में बड़ा बदलाव किया है। पिछोर से 5 बार के विधायक केपी सिंह को शिवपुरी से प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि पिछोर सीट पर शैलेंद्र सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं।
कांग्रेस के पास अभी 95 विधायक हैंः मध्य प्रदेशा विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या अभी 95 है। तीन दिन पहले तक यह संख्या 96 थी। बड़वाह सीट से विधायक सचिन बिड़ला ने हाल ही में विधिवत कांग्रेस छोड़ी है। हालांकि वह दो साल पहले कांग्रेस छोड़ चुके थे, लेकिन विधायकी बचाये रखने के लिए उनका इस्तीफा स्पीकर ने मंजूर नहीं किया था। साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने कुल 114 सीटें जीतीं थीं और सबसे बड़े दल के तौर पर कुल 7 अन्य विधायकों (बसपा-सपा एवं निर्दलियों) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके 22 विधायकों की बगावत के बाद कमल नाथ की सरकार गिर गई थी। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 96 बची थी। बिड़ला के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस के अब 95 एमएलए हैं। जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 128 हो गई है।
बीजेपी में ने चार अलग-अलग खेपों में अब तक 136 प्रत्याशी घोषित किए हैं। उस मान से कांग्रेस ने पहली सूची 144 की जारी कर उसे पीछे छोड़ दिया है।
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