मध्य प्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर में कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों की अगुवाई में जुटी भीड़ का बुरी तरह शिकार होने के बाद पॉस्को एक्ट में गिरफ्तार किए गए तसलीम चूड़ी वाले को 108 दिन जेल में रहने के बाद अंततः बुधवार को जमानत मिल गई।
बता दें कि उत्तर प्रदेश का मूल निवासी तसलीम, बीती राखी के त्यौहार वाले दिन इंदौर की बाणगंगा बस्ती में भीड़ के आक्रोश का शिकार हुआ था। कामकाज के सिलसिले में परिवार के साथ मध्य प्रदेश आया तसलीम बस्ती-बस्ती घूमकर चूड़ी बेचा करता था।
घटनाक्रम वाले दिन चूड़ी बेचने के दौरान तसलीम से नाम पूछकर भीड़ ने उसकी जमकर पिटाई की थी। तसलीम की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। यह वीडियो देश भर में चर्चा का विषय रहा था। उसकी पिटाई की खबरें देश भर की मीडिया की जमकर सुर्खियां भी बनीं थीं।
यह आरोप लगा था तसलीम पर
दरअसल तसलीम पर 13 साल की लड़की से छेड़खानी का आरोप लगाया गया था। बताया गया था कि एक मां-बेटी ने चूड़ी बेचने वाले तसलीम का नाम पूछा तो उसने अपना नाम गोलू बताया और अपना वोटर आईडी कार्ड भी दिखाया था। उसके बाद मां बेटी ने उससे चूड़ियां खरीद लीं और बच्ची की मां घर के अंदर पैसे लेने चली गई थी। उसी दौरान आरोपी ने बच्ची का हाथ पकड़ा और उसे बुरी नीयत से छूने लगा।
आरोपी ने बच्ची के गाल पर भी हाथ लगाया, इससे बच्ची घबरा गई और उसने शोर मचाया। शोर सुनकर बच्ची की मां और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए, ये देख चूड़ी वाला घबरा कर भागने लगा, लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर नाम पूछा और नाम सुनने के बाद जमकर धुनाई कर दी थी।
ख़ूब हुआ था हंगामा
देशव्यापी बवाल मचने पर नाबालिग बच्ची को लेकर परिजन थाने पहुंचे थे। रिपोर्ट लिखवाई थी। पुलिस ने मुकदमा कायम कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने आरोपी के पास से तीन अलग-अलग नामों वाले आधारकार्ड मिलने की जानकारी भी मीडिया को दी थी। जांच करने की बात की थी।
पॉस्को एक्ट लगा था
पुलिस ने चूड़ी वाले पर पॉस्को एक्ट लगाया था। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल ने बुधवार को दिए अपने फैसले में 22 अगस्त 2021 से जेल में बंद तसलीम को जमानत दे दी।
तसलीम के वकील का आरोप
तसलीम के वकील एहतेशाम हाशमी ने जमानत मिलने के बाद मीडिया से चर्चा में तसलीम की जमानत को संविधान की जीत बताया। उन्होंने कहा, ‘ये क्रिमिनल केस नहीं था, बल्कि पॉलिटिकली मोटिवेटेड केस था। राजनीतिक कारणों से ये केस दर्ज किया गया था।’
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