मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार स्कूलों में हिजाब बैन करने वाले अपने बयान से 24 घंटों में ही पलट गये हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा है, ‘राज्य के स्कूलों में ड्रेस कोड बदलने का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है।’
बता दें, शिक्षा मंत्री परमार ने मंगलवार को एक बयान में कहा था, ‘आगामी शिक्षा सत्र से विद्यालयों में बच्चों के लिए ड्रेस कोड पर काम चल रहा है। सभी विद्यार्थियों में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और विद्यालय की अलग पहचान बने इस पर स्कूल शिक्षा विभाग काम कर रहा है।’
मंत्री ने कहा था कि मध्य प्रदेश में अगले सत्र से ही हम गणवेश की सूचना प्रेषित करेंगे ताकि विद्यार्थी समय पर अपने गणवेश को तैयार करवा लें।
कर्नाटक के शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन करने को लेकर मंगलवार को भारी बवाल और विरोध हुआ। देश भर की मीडिया में यह खबर सुर्खी में रही।
कर्नाटक में हिजाब को लेकर बवाल और विरोध के बीच मंगलवार को ही मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री परमार ने यह बयान दिया था। जब उनसे पूछा गया कि हिजाब नई ड्रेस कोड में शामिल होगा अथवा नहीं? परमार का जवाब था, ‘मध्य प्रदेश के स्कूलों के गणवेश में हिजाब का कोई प्रावधान नहीं है।’
बयान का हुआ विरोध
मंत्री के बयान के बाद मध्य प्रदेश में भी बवाल शुरू हो गया। उलेमाओं ने बयान जारी करके विरोध दर्ज कराया। ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और भोपाल से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने खुले तौर पर शिक्षा मंत्री परमार के बयान की मज़म्मत की।
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा मंत्री को सबसे पहले राज्य के स्कूलों की बदहाली दूर करनी चाहिए। शिक्षा मंत्री पहले यह बताएं कि जिन स्कूलों में फर्नीचर नहीं है। पीने का पानी नहीं है। टॉयलेट्स नहीं हैं। उनके लिए सरकार ने क्या किया?’
मसूद ने कहा, ‘70 सालों से हिजाब पहनकर लड़कियां स्कूल जा रही हैं। मंत्री बताएं हिजाब पहनने से कहां माहौल खराब हुआ?’ मसूद ने कहा, ‘भाजपा और उसके नेता मेंढकों वाली मानसिकता छोड़ें। एक-दूसरे को देखकर टर्राए नहीं। हिजाब बैन करने का हम कड़ा विरोध करेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे।’
सोशल मीडिया पर चर्चा
मध्य प्रदेश के मुसलिम बहुल इलाक़ों में सोशल मीडिया पर कर्नाटक का वह वीडियो जमकर ‘वायरल हुआ’ जिसमें मुसलिम युवती अल्लाह हो अकबर के नारे लगाते हुए भगवाधारी आंदोलनकारियों का विरोध कर रही है।
इसके साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान भी वायरल हुए। कर्नाटक से जुड़ी इस तरह की और खबरें भी मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर वायरल होती रहीं।
मिश्रा ने जताई ‘नाइत्तेफाक़ी’
मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार सुबह अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में शिक्षा मंत्री परमार के बयान पर ‘नाइत्तेफाक़ी’ जताई।
मसले को लेकर पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, ‘स्कूलों में हिजाब को बैन करने संबंधी किसी भी तरह का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।’ उन्होंने पूरे मामले पर विवाद को गैरवाज़िब भी करार दिया।
इसके बाद शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री परमार ने एक वीडियो बयान जारी किया। वीडियो में उन्होंने कहा, ‘कल के मेरे बयान को मीडिया ने गलत ढंग से पेश किया। इससे भ्रम फैला।’
परमार ने कहा, ‘फिलहाल हम नया यूनीफार्म कोड लागू नहीं करेंगे। न ही हमारा उस पर कोई काम चल रहा है। परंपरागत और मौजूदा गणवेश व्यवस्था ही स्कूलों में आगे भी रहेगी।’
सीएम ने लगाई फटकार
कहा जा रहा है कि शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को विश्वास में लिए बिना और बयान के दूरगामी परिणामों का आकलन किए बगैर जल्दबाजी में मंगलवार को बयान जारी कर दिया था।
उनके बयान के बाद विरोध आरंभ हुआ। मुसलिम समुदाय के लोग लामबंद हुए तो सरकार के कान खड़े हुए।
बताया जा रहा है कि सीएम ने इस पर शिक्षा मंत्री को फटकार लगाई। अपना बयान वापस लेने के निर्देश दिए। इसके बाद बुझे मन से उन्होंने अपने बयान से यू टर्न मार लिया।
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