भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी 1989 से काबिज़ है। बेहद मुश्किल इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। भोपाल सीट को कांग्रेस ने आख़िरी बार 1984 में जीता था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की नृशंस हत्या के बाद हुए चुनाव में के.एन. प्रधान ने इस सीट को कांग्रेस के टिकट पर जीता था। इस आम चुनाव में मध्य प्रदेश (तब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन नहीं हुआ था) की सभी 40 सीटें कांग्रेस ने जीतीं थीं।
कांग्रेस 1984 के बाद हुए हर लोकसभा चुनाव में भोपाल में बुरी तरह परास्त हुई है। अनेक प्रयोग कांग्रेस ने किये, लेकिन उसे 84 के बाद इस सीट पर कभी सफलता नहीं मिल सकी।
मोदी लहर में हुए 2014 के चुनाव में भोपाल में कांग्रेस को लगभग पौने चार लाख मतों के बड़े अंतर से हार का मुँह देखना पड़ा था। पार्षद से सीधे लोकसभा का टिकट पाने वाले आलोक संजर ने विधायक रहे कांग्रेस के प्रत्याशी पीसी शर्मा को हराया था।
अपनी राय बतायें