मध्य प्रदेश में 100 हाई टेक गो शालाएं बनाने जा रही कमलनाथ सरकार ने गायों के ‘संरक्षण और संवर्धन’ की दिशा में एक और ‘अहम क़दम’ आगे बढ़ाया है। कमलनाथ सरकार बेसहारा और दोहन के बाद मालिक द्वारा छोड़ दी जाने वाली गायों की बेहतर देखभाल के लिए अब गायों को गोद देने वाली है। इसके अलावा आप्रवासी भारतीय (एनआरआई) भी गायों को गोद ले सकेंगे।
कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मामलों समेत कई विभागों के मंत्री तथा सरकार के प्रवक्ता पी.सी.शर्मा के अनुसार गो रक्षा के अपने संकल्प को लेकर सरकार ने गायों को गोद देने संबंधी योजना को अंतिम रूप दे दिया है। यह योजना बहुत जल्दी लांच कर दी जायेगी।
शर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बजरंग दल समेत इसके अन्य अनुषांगिक संगठन बरसों से गाय पर राजनीति करते आ रहे हैं। मध्य प्रदेश में 15 साल बीजेपी की सरकार रही। तीन मुख्यमंत्री हुए। शिवराज सिंह तो लगभग 13 साल सीएम रहे, लेकिन गाय पर प्रदेश में केवल राजनीति भर हुई।’
शर्मा यह आरोप भी लगाते हैं कि केन्द्र की बीजेपीनीत सरकार भी गोवंश संरक्षण को लेकर खूब घड़ियाली आंसू बहाती है, लेकिन ठोस कुछ भी नहीं किया गया है। शर्मा के मुताबिक़, केवल और केवल कागजी दावे मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में किये और आज भी केन्द्र सरकार की गोरक्षा नीति महज दावों तक ही सीमित है।
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साल 2018 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सत्ता में आने पर गोरक्षा के लिए काम करने का संकल्प लिया था। सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री कमलनाथ इस दिशा में सतत नित-नए प्रयोग और प्रयास कर रहे हैं और बेसहारा और लाचार गायों को गोद देने की रणनीति मुख्यमंत्री की उसी दूरदर्शी सोच का परिणाम है।
पी. सी. शर्मा, जनसंपर्क मंत्री, कमलनाथ सरकार
आजीवन भी गोद ले सकेंगे
गायों को गोद देने की जो रूपरेखा बनी है, उसके अनुसार 15 दिन से लेकर आजीवन गायों को गोद लिया जा सकेगा। गायों को गोद लेने वाले को 15 दिनों के लिए 1100 रूपये, एक महीने के लिए 2100 रूपये, साल भर के लिए 21 हजार रूपये और आजीवन गोद लेने के लिए 3 लाख रूपये की राशि अदा करनी होगी। अप्रवासी भारतीय भी गायों को गोद ले सकेंगे। आर्थिक रूप से असक्षम कोई गो प्रेमी चाहेगा तो उसे गायों की देखभाल से लेकर चारे की व्यवस्था का मौक़ा भी दिया जायेगा।
वेबसाइट पर डाली जाएगी तसवीर
प्रस्तावित नीति के अनुसार, गाय को गोद लेने वाले की तसवीर सरकारी वेबसाइट पर डाली जायेगी। गाय गोद लेने वाले का पूरा ब्यौरा इसमें होगा। गाय को गोद लेने वालों को ‘तय अवधि’ व्यय का एडवांस सरकारी खजाने में जमा करना पड़ेगा। गोद लेने वाले की तस्वीर वेबसाइट पर डालने का मकसद इस तरह के कार्य के लिए अन्य लोगों को जागरूक और प्रेरित करना बताया जा रहा है।
वन विभाग ने किया था प्रयोग
मध्य प्रदेश में वन विभाग इस तरह का प्रयोग कर चुका है। भोपाल के राष्ट्रीय वन उद्यान – ‘वन विहार’ में पशुओं को गोद देने की परिपाटी आरंभ की गई थी। यह सिलसिला आज भी जारी है। पशु और पर्यावरण से प्रेम रखने वालों को सांपों (यहां सांपों का बाढ़ा भी है) से लेकर शेर और अन्य सभी प्रकार के पशु-पक्षियों (जिनकी देखरेख वन विहार प्रबंधन करता है) को गोद देने की व्यवस्था है। गोद लेने वाले शख्स को संबंधित पशु के भोजन और बीमार होने पर दवा की भी व्यवस्था अपनी जेब से करनी होती है। बड़ी संख्या में पशु-पक्षियों और अन्य वन्य जीवों को लोगों ने गोद ले रखा है।
पशु-पक्षियों और अन्य जीव-जन्तुओं को गोद देने के पीछे वन विभाग की दो तरह की सोच है। पहला - पशु-पक्षियों और जीव-जन्तुओं की लुप्त होती प्रजातियों को बचाना तथा इनके प्रति आने वाली पीढ़ियों में दया एवं संरक्षित करने का भाव पैदा करना तथा दूसरा - इनकी देखरेख पर होने वाले भारी-भरकम ख़र्च के बोझ को साझा करना।
वन विहार भोपाल के रिटायर्ड एडिशनल डायरेक्टर ए.के.खरे कहते हैं, ‘भारी-भरकम व्यय का बढ़ता बोझ उतनी बड़ी समस्या नहीं है, जितनी बड़ी दिक्कत पशु-पक्षियों के प्रति लोगों में बढ़ती बेरूख़ी का भाव है।’ खरे का मानना है, ‘गोद लेने के चलते लोगों का जुड़ाव इस समस्या (पशु-पक्षियों और जीव-जन्तुओं के प्रति हिंसात्मक प्रवृत्ति और बेरूखी के भाव) को बहुत हद तक कम करने में मददगार साबित हुआ है।’
बिड़ला मदद के लिए आगे आये
मप्र में सौ हाईटेक गोशालाओं के निर्माण में देश के ख्यातिनाम उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला कमलनाथ सरकार की मदद करेंगे। बताया गया है कि बिड़ला की ओर से इस बारे में सैद्धांतिक सहमति राज्य सरकार को मिल गई है। नाथ सरकार ने हाईटेक गोशालाओं के लिए कई जगहों पर ज़मीन चिन्हित कर ली है और कुछ जगहों पर ज़मीन को चिन्हांकित करने का कार्य अंतिम चरण में है। कुमार मंगलम बिड़ला के अलावा भी कई नामचीन उद्योगपतियों और घरानों ने कमलनाथ सरकार को उसके ‘गोरक्षा मिशन’ में मदद का भरोसा दिलाया है।
मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल गोरक्षा को लेकर बेहद संजीदा हैं। बीजेपी की सरकार ने अनेक काम इस दिशा में किये। कांग्रेस की सरकार बीजेपी के ही कामों को आगे बढ़ा रही है। संघ गो रक्षा को लेकर पहले से ही शिद्दत से काम कर रहा है और उसने कई प्रकल्प खोले हैं।’
कमलनाथ सरकार के गाय गोद देने के फ़ैसले को लेकर सवाल करने पर अग्रवाल कहते हैं, ‘नया मुल्ला ज़्यादा प्याज खाता है। कर्जमाफी का मध्य प्रदेश में क्या हश्र हुआ? बिजली के बिल हाफ़ होने का दावा खोखला साबित हुआ ना!’
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