मध्य प्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग का काम फिर शुरू हो गया है। शुक्रवार को उन्हीं डाॅक्टरों ने इस बस्ती में कोरोना के संदिग्धों के सैंपल लिए जिन्हें बुधवार को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था और पत्थर मारे थे। बाखल के लोगों का रवैया आज बदला हुआ नज़र आया। लोगों ने न केवल जाँच दल का सहयोग किया, बल्कि स्क्रीनिंग करने पहुँची डाॅक्टरों से माफ़ी माँगते हुए उन्हें ‘अपना’ भी बताया। इस बीच मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने शुक्रवार को इंदौर के संवेदनशील इलाक़ों की पुलिस व्यवस्था का जायजा लिया। इस बीच इंदौर ज़िला प्रशासन की माँग पर प्रदेश पुलिस ने एसएएफ़ की पाँच और कंपनियाँ इंदौर को उपलब्ध करा दी हैं।
टाटपट्टी बाखल बुधवार को तब देश भर में सुर्खियाँ बना था, जब बस्ती के लोगों के एक बड़े समूह ने स्क्रीनिंग के लिए पहुँची दो महिला डाॅक्टरों, स्वास्थ्य अमले और प्रशासन के अफ़सरों पर हमला बोल दिया था। टाटपट्टी बाखल की भीड़ ने न केवल डाॅक्टरों और अमले के साथ मारपीट की थी, बल्कि जमकर पथराव भी किया था। भीड़ चाहती थी जाँच का काम बंद हो। लोगों को क्वरेंटाइन नहीं किया जाए। अस्पताल और सेंटर न ले जाया जाए। भीड़ के हमले से स्वास्थ्यकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागने में कामयाब हो पाये थे। हमले और पत्थरबाज़ी में डाॅक्टरों सहित अमले के कई लोगों को चोटें आयी थीं। देश भर में इंदौर की इस घटना की जमकर निंदा हुई थी।
इंदौर ज़िला प्रशासन ने क़रीब डेढ़ दर्जन लोगों के ख़िलाफ़ सरकारी कामकाज में बाधा और बलवे समेत अन्य धाराओं में मुक़दमे दर्ज किए। गुरुवार को सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। इन सात में चार के ख़िलाफ़ रासुका लगाकर जेल भेजा गया है।
प्रख्यात शायर राहत इंदौरी ने तो शहर के लोगों के इस बर्ताव के लिए माफ़ी भी माँगी थी। राहत इंदौरी ने कहा था, ‘मुश्किल वक़्त में धर्म की आड़ लेकर लोगों को बरगलाना किसी भी सूरत में उचित नहीं है।’ इंदौर शहरकाजी डाॅक्टर इशरत अली ने भी समाज के लोगों से धैर्य न खोने की अपील करते हुए स्वास्थ्य, ज़िला प्रशासन और पुलिस बल का सहयोग करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, ‘प्रशासन और शासन सभी का भला चाहता है, कोरोना से लड़ाई सभी को मिलकर लड़ना है।’
इंदौर में टाटपट्टी बाखल कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है। इस बस्ती में अब तक क़रीब दो दर्जन लोग कोरोना से पाॅजिटिव मिल चुके हैं। तेज़ी से फैल रहे इस जानलेवा संक्रमण से निपटने के लिए ज़िला प्रशासन ने इस बस्ती समेत आसपास के मोहल्लों को सील किया हुआ है।
जिन घरों में लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, उन घरों के लोगों को क्वरेंटाइन किया गया है। जिन घरों में संभव था, कुछ को वहीं और कई लोगों को शहर में स्थापित क्वरेंटाइन सेंटर पहुँचाया गया है। संक्रमित पाए गए और संदिग्धों से मेल-मुलाक़ात करने वालों की भी जाँच-पड़ताल की जा रही है।
इंदौर में संक्रमितों की संख्या 89 हुई
शुक्रवार को कुछ और कोरोना पाॅजिटिव रोगी मिलने के बाद अब अकेले इंदौर में संक्रमितों की संख्या 89 पर पहुँच गई है। इन 89 में पाँच की मौतें हुई हैं। मध्य प्रदेश के दतिया और छिंदवाड़ा में भी कोरोना के पाॅजिटिव रोगी मिले हैं। इस तरह से प्रदेश में संक्रमितों का आँकड़ा 119 पर पहुँच गया है। इंदौर के अलावा उज्जैन के दो प्रभावितों और खरगोन के एक पीड़ित की मौत इंदौर में ही दर्ज हुई है। कुल आठ मौतें अब तक प्रदेश में कोरोना से हो चुकी हैं।
आईएएस भी मिले कोरोना पाॅजीटिव
भोपाल में गुरुवार देर शाम 2011 बैच के एक आईएएस अफ़सर विजय कुमार में कोरोना की पुष्टि हुई है। मध्य प्रदेश हेल्थ कार्पोरेशन में एमडी और मध्य प्रदेश आयुष्मान भारत निरामयम सोसायटी के सीईओ के पद पर वे पदस्थ हैं। चार-पाँच रोज़ पहले ही वह दूसरे राज्य से मध्य प्रदेश लौटे थे। लौटने के बाद कार्यालय ज्वाइन किया। दो दिनों से उनमें कोरोना के लक्षण दिख रहे थे।
आईएएस अफ़सर के अलावा तब्लीग़ी जमात से जुड़े चार अन्य लोगों के सैंपल भी भोपाल में पाॅजिटिव मिले हैं। इस तरह से कोरोना पाॅजिटिव की संख्या भोपाल में 9 हो गई है। भोपाल में आए पहले पॉजिटिव महिला गुंजन सक्सेना की रिपोर्ट अब नेगेटिव आई है यानी वह ठीक हो गई हैं।
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