मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले ‘व्यापमं- 2’ को लेकर कांग्रेस के हमले के बाद शिवराज सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह 2, उप समूह 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।' पटवारी भर्ती परीक्षा में बीजेपी विधायक का कॉलेज सुर्खियों में है। कॉलेज के इस परीक्षा केन्द्र के 7 बच्चों ने टॉप किया है। कांग्रेस इस और अन्य गड़बड़ियों को लेकर सरकार को निशाने पर लिए हुए है। उधर सरकार का दावा है, ‘परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। कांग्रेस बेफिजूल आरोप मढ़ रही है और सवाल उठा रही है। इसने कहा है कि कांग्रेस को जो भी पूछना या जानना है, लिखकर दे - सरकार जवाब देगी।
इसी साल मार्च-अप्रैल में मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (पुराना नाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल) ने 3 हजार 555 पदों के लिए परीक्षा ली थी। पटवारी और अन्य पदों के लिए हुई इस परीक्षा में 12 लाख से ज्यादा अभ्यार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा का परिणाम 30 जून को घोषित किया गया है। मेरिट लिस्ट बीते सप्ताह आयी है। कुल 10 अभ्यार्थियों वाली मेरिट लिस्ट में 7 ग्वालियर के उस कॉलेज के हैं, जिसे परीक्षा का सेंटर बनाया गया था। यह कॉलेज बहुजन समाज पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में आये संजीव सिंह कुशवाहा का है।
मामला सामने आने के बाद से बेहद मुखर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव मुखर हैं। यादव ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की है। उन्होंने मेधावी बच्चों का हक मारकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया। यादव ने कहा है, ‘वह युवा बेहद दुःखी और परेशान है जो फर्जीवाड़े का शिकार हुआ, जिसका भविष्य परिणामों से अंधकारमय हुआ है।’
प्रेस कांफ्रेंस में तमाम आरोप लगाते हुए उन्होंने कई सवाल उठाये हैं-
1. मेरिट लिस्ट में कुल 10 में 8 टॉपर ग्वालियर-चंबल संभाग से हैं, इनमें भी 7 का सेंटर एक ही था, वह भाजपा विधायक द्वारा संचालित कॉलेज है। यह संयोग कैसा?
2. हिंदी में हस्ताक्षर करने और हस्ताक्षर के नाम भी सीधे-सीधे अपना नाम लिख देने वाले अभ्यार्थियों के अंग्रेजी में शानदार नंबर कैसे आये?
3. एक ही परीक्षा केंद्र से इतने टॉपर्स निकले, किंतु मीडिया में किसी टॉपर ने न तो इंटरव्यू दिया और न ही किसी कोचिंग सेंटर में उनका नाम आया कि वे किसी खास कोचिंग से पढ़े हैं। क्या उन्हें मीडिया से बात करने से रोका गया?
4. हर शिफ्ट के 3-4 सही प्रश्नों को डिलीट किया गया है, जबकि उनके उत्तर एकदम सही हैं। ऐसा क्यों?
5. एक ही शिफ्ट के अंक के कम या ज्यादा होने में भी समानता नहीं है, ऐसा कैसे संभव हुआ?
6. विधायक जी के इस एक कॉलेज से चयन का प्रतिशत दिल्ली के मुखर्जी नगर में जो संस्थान आईएएस की कोचिंग पढ़ाते हैं, उन संस्थानों से भी ज्यादा कैसे है?
7. एक चयनित युवती जिसकी अंकसूची आपके साथ साझा है, इन्होंने जब फार्म भरा तो शरीर पर निशान के कॉलम में अंग्रेजी में लिखा है - “Cut on mark nose” जबकि सही अंग्रेजी होना चाहिए, “Cut mark on nose” - सरकार जवाब दे कि इन्हें अंग्रेजी में शत-प्रतिशत अंक नहीं मिले हैं? क्योंकि इनका अंग्रेजी का ज्ञान तो इनके फॉर्म भरते समय ही पता चल गया?
8. जब मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, तब विधानसभा को परीक्षा भर्ती घोटालों की लिस्ट मय सबूतों के सौंपी थी, आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
9. इस भर्ती परीक्षा में बड़ा अजीब मामला आया है कि एक सवाल था कि नर्मदा का उद्गम स्थल कहाँ से है, व्यापमं के अपनी आंसर शीट में भोपाल का चयन किया था जबकि उसका सही उत्तर आपको भी पता है कि अनूपपुर है। मगर टॉपर छात्रों ने भोपाल को सिलेक्ट किया था, अभ्यर्थियों ने जब आपत्ति जताई तब जाकर उस सवाल को हटाया गया, क्यों?10. अभ्यर्थी पूजा शर्मा के 185 नंबर आये हैं, जबकि व्यापमं ने ही 11 सवाल गलत होने की वजह से हटाए थे, तो इसका मतलब स्वतः 15 नंबर खुद कम हो जाते हैं, परीक्षा फिर 185 नंबर की बची थी, अब क्या कोई अभ्यर्थी 185 में से 185 नंबर किसी कंपीटिटिव एग्जाम में लेकर आ सकता है?
नौजवानों का मनोबल तोड़ रहे कांग्रेसी: नरोत्तम मिश्रा
मिश्रा ने कहा, ‘ये (कांग्रेस) पर्चियों पर नौकरी देने वाले लोग, विश्व की आधुनिकतम चयन परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। और सीरीज में झूठ बोल रहे हैं। नौजवानों के मनोबल को तोड़ रहे हैं।’
गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं आपके सामने झूठ की श्रृंखला को लाना चाहता हूं। जो यह सात टॉपर हैं इनमें से किसी ने भी एक ही शिफ्ट में परीक्षा नहीं दी। सबने अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा दी है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक-एक सवाल और एक-एक जवाब का, एक-एक क्लिक रिकॉर्ड होती है। ये सब रिकॉर्ड में है। आप मांगो तो.. पूरा रिकॉर्ड क्यों नहीं मांगते हैं? क्योंकि आपका झूठ सामने आ जाएगा। आपको जो भी चाहिए लिखित में दीजिए। जुबानी जमा खर्च मत करिए।’
मिश्रा ने कहा, ‘कांग्रेस के लोगों ने आरोप लगाया कि हिंदी में दस्तखत करने वालों के 25 में से 25 नंबर आए। यदि आप मार्कशीट देखते तो आपको पता लग जाता है कि एक के भी 25 में 25 नंबर नहीं आए, कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है। ये प्रदेश को बदनाम करने की कांग्रेस कोशिश कर रही है।’
प्रदेश भर में हुए प्रदर्शन
मध्य प्रदेश के कई शहरों में पटवारी परीक्षा में बैठने वाले युवाओं और कांग्रेस ने प्रदर्शन किए। इंदौर स्थित मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के समक्ष भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी भविष्य खराब करने का आरोप लगाते हुए परीक्षा को निरस्त करने, पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और गड़बड़ियों के अपराधी पाये जाने वालों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।
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