अगले लोकसभा चुनावों में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए को बहुमत नहीं मिलेगा। इंडिया टुडे- कार्वी इनसाइट्स ने अपने सर्वे में पाया है कि आज चुनाव हुए तो एनडीए को 99 सीटें कम मिलेंगी और उसके सीटों की तादाद 237 तक सिमट सकती है। इसके बाद दूसरी स्थानीय पार्टियों को 20 सीटें मिल सकती हैं। यदि इन्होंने भी एनडीए का साथ दिया तो उसकी सीटों की संख्या 257 तक पहुँच जाएगी, यानी इस सूरत में भी एनडीए को बहुमत के लिए ज़रूरी 272 सीटें नहीं मिल सकेंगी। दूसरी ओर, यूपीए को 106 सीटों का फायदा हो सकता है और उसे 166 सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 140 सीटें मिल सकती हैं। एक बात साफ़ है कि एसपी-बीएसपी के बिना किसी सरकार का बनना मुश्किल लग रहा है।
एनडीए का जो 257 सीटों का आँकड़ा बन रहा है, उसमें बीजू जनता दल, टीआरएस और एआईएडीएमके की अनुमानित सीटें भी शामिल हैं। इसके बावजूद एनडीए बहुमत के जादुई आँकड़े से दूर है। ऐसे में यदि बीजेपी किसी ऐसे नेता को प्रधानमंत्री बनाने पर राज़ी हो जाए तो बाकी सीटों के लिए ज़रूरी दूसरे दलों को अपनी ओर ला सके, तो एनडीए की सरकार बन सकती है। बीजेडी और एआईएडीएमके भी नरेद्र मोदी के साथ असहज महसूस करती हैं। ऐसे में यह गणित महत्वपूर्ण हो जाता है।
सर्वे में यह भी देखा गया है कि यदि पीडीपी, टीएमसी, बसपा और समाजवादी पार्टी यूपीए में शामिल होती हैं तो इसका नुक़सान एनडीए को होगा। इन सभी दलों के साथ आने से यूपीए को 44 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि एनडीए को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं। अन्य 16 फ़ीसद वोट मिलता दिख रहा है। इस सूरत में यूपीए को 272 सीटें मिल सकती हैे।
उत्तर भारत
उत्तर भारत के राज्यों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में एनडीए को 40 फ़ीसद वोट और 66 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर, यूपीए को 23 प्रतिशत वोट और 20 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 65 सीटें जा सकती हैं।एबीपी-सी वोटर सर्वेे: यूपी में बीजेपी गठबंधन को मिलेंगी 25 सीटें, एबीपी-सी वोटर सर्वे
पूर्वी भारत
पूर्वी भारत में एनडीए को 69 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि अन्य दल 45 सीटें लेकर दूसरे स्थान पर रहेंगे। यहाँ यूपीए के महज 28 सीटें जीतने का अनुमान है। इस क्षेत्र में असम, बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल शामिल हैं।पश्चिम भारत
पश्चिम भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी एनडीए वोट शेयर में कम होता दीख रहा है। यहां बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए को 46 प्रतिशत वोट और 76 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को 42 फ़ीसद वोट 40 सीटें मिल सकती हैं।दक्षिण भारत
दक्षिण भारत यानी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना के बारे में अनुमान है कि वहाँ एनडीए को 18 फ़ीसद ही वोट मिल सकते हैं। दूसरी ओर, यूपीए को 43 प्रतिशत वोट और 78 सीटें मिल सकती हैं। अन्य दलों को 39 फ़ीसद वोट और 26 सीटें मिल सकती हैं।यह बहुत ही साफ़ है कि यह सिर्फ ओपिनियन पोल है और अभी चुनाव में कई महीने की देरी है।लेकिन सर्वे से यह तो मालूम होता ही है कि बीजेपी की स्थिति पहली जैसी नहीं रही, नरेंद्र मोदी की अपील भी पहली वाली नहीं रही। बीजेपी के लिए चुनाव जीतना वाकई मुश्किल होगा।
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