वाराणसी लोकसभा सीट पर हुए एक अहम घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी ने नामाँकन के अंतिम समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सपा ने पहले यहाँ से शालिनी यादव को प्रत्याशी घोषित किया था, अब उनकी जगह बीएसएफ़ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी ने उन्हें चुनाव चिह्व भी दे दिया है। तेज़ बहादुर यादव यहाँ से गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी के सामने चुनौती पेश करेंगे।
सेना के जवान तेज़ बहादुर जी को वाराणसी से समाजवादी पार्टी का टिकट दिया गया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 29, 2019
तेज़ बहादुर यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नकली चौकीदार बताते रहे हैं। यादव ने दावा किया था कि क़रीब दस हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ प्रचार करेंगे।
अखिलेश जी, आपको बहुत बहुत बधाई
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 29, 2019
PM को चुनौती देने के लिए तेज़ बहादुर को सलाम
एक तरफ़ माँ भारती के लिए जान दाँव पर लगाने और जवानों के हक़ की लड़ाई में अपनी नौकरी गँवाने वाला शख़्स
दूसरी ओर जवानों की आवाज़ उठाने वाले की नौकरी छीनने और जवानों की लाशों पर वोट माँगने वाला शख़्स https://t.co/xRJvJg1maV
यादव को गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि एक ओर तो बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है लेकिन अब गठबंधन ने उसके सामने एक पूर्व जवान को ही मैदान में उतार दिया है, इससे यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब कांग्रेस भी तेज़ बहादुर यादव का समर्थन करेगी, इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है।
तेज़ बहादुर यादव ने कहा था कि वह हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। यादव ने यह भी कहा था कि मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है।
वाराणसी सीट पर अंतिम चरण में 19 मई को वोटिंग होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर यहाँ से मैदान में हैं। अब पूरे देश की नज़रें वाराणसी लोकसभा सीट पर टिक गई हैं। बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के भी यहाँ से चुनाव लड़ने की जोरदार चर्चा थी लेकिन अब कांग्रेस ने यहाँ से अजय राय को टिकट दिया है।
अपनी राय बतायें