त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसद शंकर दत्त की याचिका पर चुनाव आयोग को २१ मई तक जवाब दाखिल करने का नोटिस दिया है । शंकर दत्त ने त्रिपुरा पश्चिम सीट पर सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर हिंसा, लूटपाट, धमकी आदि के चलते मतदान की वैधता को चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने यहाँ १६८ पोलिंग बूथों पर पुनर्मतदान करवाया है जिसे दत्ता अपर्याप्त बता रहे हैं। वे पूरे क्षेत्र में सुचारु सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुनर्मतदान की माँग कर रहे हैं।
चुनाव 2019 से और खबरें
दत्ता चुनाव आयोग के रवैये से निराश होकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे। अदालत ने उन्हे पहले हाईकोर्ट जाने को कहा, तब दत्त हाईकोर्ट पहुँचे, जहाँ सुनवाई के बाद जस्टिस ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा। कांग्रेस ने दत्ता की अपील से सहमति जताई है और कहा है कि करीब ९००-१००० पोलिंग बूथ पर उनके दल के एजेंट्स को डरा धमकाकर और मार पीटकर पोलिंग बूथ तक जाने ही नहीं दिया गया। पर्यवेक्षकों ने भी हिंसा और दूसरी गड़बड़ियों की रिपोर्ट चुनाव आयोग मुख्यालय भेजी थी। त्रिपुरा पूर्व सीट के मतदान की तारीख़ इसी रिपोर्ट के चलते नियत तारीख़ १८ अप्रैल की जगह २३ अप्रैल के लिये बढ़ा दी गई थी।
त्रिपुरा पश्चिम के रिटर्निंग अफ़सर संदीप एम महातमे ने पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 1679 मतदान केंद्रोें में से 433 केंद्रों पर गड़बड़ियाँ हुई हैं। चुनाव आयोग ने इस सीट पर मतदान के शत प्रतिशत बेवकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग के आदेश दिए थे। लेकिन ऐसा न हो सका। इसके साथ ही बूथ कैप्चरिंग की शिकायतें बड़े पैमाने पर मिली थीं। कांग्रेस पार्टी महात्मे की रिपोर्ट पर ही अदालत गई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने 168 बूथों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था, लेकिनकांग्रेस और सीपीाआईएम इससे संतुष्ट नहीं थीं।
अपनी राय बतायें