राहुल गाँधी ने ममता बनर्जी की रैली के समर्थन में चिट्टी लिखी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को ‘ममता दी’ से संबोधित करते हुए लिखा है कि पूरा विपक्ष एकजुट है। लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता में तृणमूल नेता की यह रैली बीजेपी विरोधी पार्टियों के लिए एक बड़ा मंच है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में शनिवार को मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बड़ी रैली कर रही हैं। रैली में 19 क्षेत्रीय दलों ने अब तक समर्थन का एलान किया है।
राहुल गाँधी ने चिट्ठी में लिखा है, ‘एकजुटता के इस प्रदर्शन में मैं ममता दी को समर्थन करता हूँ। उम्मीद है कि साथ में एकजुट भारत का हम एक तगड़ा संदेश देंगे।’
चिट्ठी में राहुल ने लिखा है कि बंगाल की जनता हमेशा ही जनविरोधी ताक़तों के साथ खड़ी रही है। मोदी सरकार के ख़िलाफ़ इस वक्त पूरे देश में आक्रोश है और तृणमूल के इस प्रयास का कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय को ख़त्म करना चाहती है।
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- सोनिया और राहुल गाँधी इस रैली में नहीं जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की तरफ़ से रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस विरोधी पार्टियाँ हैं।
माया नहीं जाएँगी रैली में
विपक्ष की ओर से राहुल गाँधी के अलावा मायावती और ममता बनर्जी के नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आते रहे हैं। ममता की इस रैली का एक मायने यह भी निकाला जा रहा है कि ममता इस रैली के माध्यम से बीजेपी को चुनौती तो देना ही चाहती हैं, यह भी जताना चाहती हैं कि वह प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दे सकती हैं।
कौन-कौन नेता शामिल होंगे?
रैली के लिए सभी विपक्षी नेताओं को बुलाया गया है। इस महारैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक के एम. के. स्टालिन, बीजेपी के बाग़ी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा अन्य नेताओं के शामिल होने की संभावना है। रैली में सीएम ममता के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राकांपा नेता शरद पवार, रालोद नेता चौधरी अजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी जैसे नेता भी मौजूद रह सकते हैं। इसमें ममता के विरोधी वाम दल शामिल नहीं होंगे।
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