यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रायबरेली सीट से पर्चा दाख़िल कर दिया है। पर्चा दाख़िल करने के दौरान सोनिया गाँधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा भी मौजूद रहीं। दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अमेठी से पर्चा दाख़िल कर दिया है। पर्चा दाख़िल करने से पहले सोनिया गाँधी और स्मृति ईरानी ने हवन-पूजन भी किया।
पर्चा दाख़िल करने से पहले सोनिया गाँधी और स्मृति ईरानी ने रोडशो भी किया। भारी गर्मी के बावजूद दोनों नेताओं के रोडशो में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
कांग्रेस का गढ़ रही है रायबरेली सीट
रायबरेली सीट पर एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट पर 5वें चरण में 6 मई को मतदान होगा। रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। सोनिया गाँधी यहाँ से 2004, 2006, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी हैं। सोनिया रायबरेली सीट से 2004 से जीत हासिल करती आ रहीं हैं। इस बार उनका मुक़ाबला बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से है। 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यहाँ से हार का सामना करना पड़ा था।The streets of Rae Bareli are filled with love & support for Smt. Sonia Gandhi's nomination. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/CVcY0plc2K
— Congress (@INCIndia) April 11, 2019
अमेठी में सक्रिय रही हैं स्मृति
स्मृति ईरानी ने पिछला चुनाव भी अमेठी से ही लड़ा था। पिछले साढ़े चार साल से वह लगातार अमेठी का दौरा करती रही हैं और वहाँ के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर चुकी हैं। बीजेपी ने एक बार फिर ईरानी को अमेठी से उम्मीदवार बनाया है। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। इस बार अमेठी में कड़ा मुक़ाबला होने की संभावना जताई जा रही है।अमेठी में स्मृति ईरानी के रोड शो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल रहे।
वायनाड जाने पर उठाया था सवाल
बता दें कि राहुल गाँधी ने इस बार केरल की वायनाड सीट से भी पर्चा दाख़िल किया है। राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा था कि वह अमेठी से डरकर ऐसी सीटों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं जहाँ हिंदू अल्पसंख्यक हैं। कांग्रेस ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत में भी लोकप्रिय हैं और वहाँ के नेताओं ने ही राहुल गाँधी से उनके राज्य से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था।
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