मोदी के गुजरात में जय श्री राम का नहीं, बल्कि जय श्री कृष्ण का उद्घोष होता है। मोदी कभी जय श्री कृष्ण कहते सुनायी नहीं दिए क्योंकि चुनाव में जितना फ़ायदा जय श्री राम से हो सकता है उतना फ़ायदा जय श्री कृष्ण से होने की उम्मीद कम है।
के. चंद्रशेखर राव ने एक बार फिर से फ़ेडरल फ़्रंट बनाने की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने नये सिरे से मुलाक़ातों का दौर किया है। चर्चा है कि केसीआर की कोशिश ग़ैर-भाजपाई और ग़ैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की है।
राजनीति के तमाम तथाकथित पंडित, पेड-बैकपेड-बेपेड सर्वे एजेंसियाँ मान रही हैं कि एन-केन-प्रकारेण 23 मई के बाद भी सरकार बीजेपी की ही बनेगी। इससे पाँच विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री व नेता आशंकित हैं।
हरियाणा की अम्बाला लोकसभा सीट पर मुख्य मुक़ाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। प्रत्याशियों की हार-जीत में जातिगत समीकरणों के अलावा डेरा सच्चा सौदा भी एक अहम फ़ैक्टर है।
आख़िरी दो चरणों में उत्तर प्रदेश के जिन क्षेत्रों में चुनाव होने जा रहे हैं वे औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए हैं। गोरखपुर में अब हथकरघा, खादी, शहद उत्पादन, चमड़े का कारोबार कहीं नज़र नहीं आता है। क्या ये चुनावी मुद्दे बनेंगे?
लखनऊ से सुल्तानपुर की यात्रा में पाँच लोकसभा क्षेत्रों से गुज़रने का मौक़ा मिला। लखनऊ और सुल्तानपुर में तो सामान्य स्थिति दीखी, लेकिन अमेठी में नहीं। पढ़िये, लखनऊ से सुलतानपुर तक की चार और पाँच मई की यात्रा रिपोर्ट।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अमेठी और रायबरेली में मतदान के एक दिन पहले राहुल और सोनिया गाँधी को वोट देने की अपील करके बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है। तो क्या अब राहुल की जीत पक्की हो गई है?
बिना चुनाव लड़े राज ठाकरे की पार्टी को नोटिस भेज कर सभाओं के खर्च़ देने की माँग चुनाव आयोग ने की है। क्या चुनाव आयोग सत्ताधारी दल के दबाव में ऐसा कुछ कर रहा है?
कांग्रेस के रणनीतिकार मान कर चल रहे हैं कि अमेठी और रायबरेली दोनों ही संसदीय क्षेत्रों में पार्टी जीत जायेगी। सपा-बसपा और आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी न होने का फायदा भी उन्हें मिलेगा।
चुनाव आयोग के प्रतिबंध का सामना कर रहीं भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नए विवाद में घिर गई हैं। बीजेपी के प्रचार वाहन से साध्वी प्रज्ञा की रिकॉर्डिंग चलाये जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है।