उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के रण के सबसे मुश्किल सातवें और अंतिम चरण में बीजेपी का मुक़ाबला एसपी-बीएसपी गठबंधन के साथ ही छोटी जातियों के मेल से है।
बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने की कोशिशों में जोरशोर से जुटे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने नतीजे आने से पहले ही अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं।
बिहार में आख़िरी चरण में जिन 8 सीटों पर वोट डाले जाने हैं, उन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुक़ाबला है। ऐसा लगता है कि एनडीए 2014 को नहीं दुहरा सकेगा।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में बस एक हफ़्ता शेष है। कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं और विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुट गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस को यह अंदरूनी जानकारी मिली है कि लेफ़्ट समर्थकों का एक अच्छा-ख़ासा हिस्सा बीजेपी के पक्ष में वोट कर चुका है और कर रहा है। लेकिन क्या सच में ऐसा है?
विद्यासागर की मूर्ति को खंडित करने की बात को ममता ने बंगाली अस्मिता से जोड़ दिया है। अब ममता अंतिम नौ सीटों को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
केंद्र में मोदी सरकार की वापसी नहीं हुई तो कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर जमकर जोर-आज़माइश होगी और प्रधानमंत्री पद की दौड़ में कई बड़े नाम होंगे।
अमित शाह ने 300 सीटों से ज़्यादा जीतने का दावा किया है। लेकिन पहले के चुनावों के आँकड़े तो तसवीर कुछ अलग ही पेश करते हैं। ये आँकड़े अमित शाह के दावे के विपरीत कहानी कहते हैं।
चुनाव पूर्व के कुछ अनुमान हैं कि एनडीए 200 से 250 सीटों तक सिमट सकता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी का पीएम बनना मुश्किल है। तो कौन होगा पीएम- गडकरी, राजनाथ सिंह, राहुल गाँधी, मायावती, ममता बनर्जी या कोई और?
पश्चिम बंगाल के सियासी रण में एक तरफ़ ममता बनर्जी हैं तो दूसरी ओर नरेंद्र मोदी और अमित शाह। पिछले तीन सालों से चल रही इस सियासी अदावत ने अब गंभीर रूप ले लिया है।
शरद पवार ने साफ़ तौर पर कहा है कि यदि राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवा भी दी तो वही हाल होगा जो 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का हुआ था।