जिस तरह तेवर दिखाने के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की माँग को बीजेपी आलाकमान ने मान लिया, ठीक उसी तरह अपना दल (एस) भी अपनी कुछ माँगें पूरी करवाना चाहता है।
तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में जुटे हैं। तीसरा मोर्चा बनाने के पीछे आख़िर क्या है केसीआर की मंशा?
2019 के चुनावों का विमर्श किसान-नौजवान के वोट की दृष्टि से होगा क्योंकि यही वर्ग वर्तमान में किसी ख़ेमे का स्थापित वोट बैंक नहीं है। लेकिन बीजेपी लामबंदी करेगी धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर एवं विपक्ष करेगा जातीय आधार पर, क्यों?
पाँच विधानसभा चुनावों के नतीजों से उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को उम्मीद बँधी है कि अगले आम चुनावों में बीजेपी वहाँ हारेगी। उनका मानना है कि समाज के कई वर्ग सत्तारूढ़ दल से ख़फ़ा हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भले ही गठबंधन के कयास लग रहे हों लेकिन कांग्रेस गठबंधन करना नहीं चाहती है। तो क्या कांग्रेस इतनी मज़बूत हो गई है या आप कमज़ोर?
बिना ओपिनियन-एग्ज़िट पोल या ज्योतिषीय गणना के मैं यह भविष्यवाणी करता हूँ कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बिहार से उतनी सीटें नहीं मिलेंगी जितनी 2014 में मिली थीं। पूछिए क्यों?
बिहार में बीजेपी और एलजेपी के बीच सीटों के बँटवारे को लेकर शनिवार दोपहर 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ़्रेंस होनी थी। लेकिन अब इसे रविवार तक के लिए टाल दिया गया है।
मायावती 2019 के चुनाव में सर्वोच्च पद के लिए तीसरे मोर्चे के अगुआ के तौर पर अपना हैट रिंग में फेंकने जा रही हैं। उन्होंने इस सिलसिले में शरद पवार से बात की है।
उपेंद्र कुशवाहा कांग्रेस का दामन थामकर यूपीए का हिस्सा बनेंगे। उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी सीधे कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रही है न कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल से।