सपा और बसपा से मिले झटके से कांग्रेस अभी उबर भी नहीं पाई है कि दक्षिण में उसके सहयोगी दलों ने नई परेशानियाँ पेश करनी शरू कर दी हैं। कर्नाटक में जेडीएस ने एक-तिहाई सीटों की माँग की है।
मंगलवार को मायावती के जन्मदिन पर अखिलेश यादव उन्हें बधाई देने उनके घर जाएँगे। इसके साथ ही लोकसभा चुनावों के लिए दोनों दलों के साझा अभियान की भी शुरुआत होगी।
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के बीच सीट बँटवारे को लेकर 45 सीटों पर सहमति बन गई है। हाल ही में राहुल गाँधी और शरद पवार की इसे लेकर बातचीत हुई थी।
सॉफ़्ट हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ते हुए राहुल गाँधी यूपी में काशी विश्वनाथ मंदिर और कुंभ जाएँगे। राहुल फ़रवरी में यूपी में कई रैलियों को भी संबोधित करेंगे।
कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने और मुसलमानोंं को संकेत देने के लिए यूपी में अकेले चुनाव लड़ने का एलान आनन फानन में कर दिया, पर वह छोटे दलो के लिए दरवाजा खुला रखना चाहती है।
आम आदमी पार्टी ने यूपी में बीजेपी को उसी के कार्ड से घेरने की रणनीति अपनाई है। वह मंदिर गिराने जैसे भावनात्मक मुद्दे उछाल बीजेपी को उसके तरीक से जवाब देने की कोशिश में है।
इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल की माने तो बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलेगा, वह 211 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी, जबकि सरकार बनाने के लिए 273 सीटों की ज़रूरत होगी।
सपा-बीएसपी में गठबंधन पर अखिलेश-मायावती ने साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें क्या प्रधानमंत्री दावेदारी पर समझौता हुआ है? पढ़िए, इस सवाल पर अखिलेश का जवाब कि क्या प्रधानमंत्री के रूप में वह मायावती को सपोर्ट करेंगे?
सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण के बाद अति दलित और अति पिछड़ी जातियाँ सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में वोट डालकर आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती हैं। लेकिन क्या यही काफ़ी है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने माँग की है कि शिवराज चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए। तो क्या मौजूदा पार्टी नेतृत्व ने से बीजेपी के ही नेता संतुष्ट नहीं हैं?
इंडिया टीवी-सीएनएक्स सर्वे के मुताबिक़, विपक्षी दलों के बीच महागठबंधन के बिना ही बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 40 सीटें मिलने की संभावना है। यानी 33 सीटों का नुक़सान। उसे राज्य में क़रीब 37 फ़ीसदी वोट मिल सकते हैं।