बालाकोट हमले से पूर्व किए गए तीन अलग-अलग चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से यह बात बिल्कुल साफ़ हो गई है कि अगली लोकसभा त्रिशंकु होगी और किसी को बहुमत नहीं मिलेगा।
इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक़, अगले लोकसभा चुनावों में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए को बहुमत नहीं मिलेगा, यानी वह सरकार मे नहीं लौटेगी।
लोकसभा की क़रीब दो दर्ज़न सीटों पर बसपा ने अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। सपा में भी सीटों को लेकर काफ़ी कुछ तय हो चुका है जिसका एलान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।
प्रियंका के राजनीति में आने से कांग्रेस के भीतर एक नई झँकार सुनाई देने लगी है। लेकिन प्रियंका की राजनीतिक सूझ-बूझ और नेतृत्व क्षमता की परख आम चुनावों में होगी।
प्रियंका गाँधी की 10 फ़रवरी को लखनऊ में रैली होगी। हालाँकि, पार्टी की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसकी तैयारी ज़ोर शोर से चल रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस ने प्रियंका गाँधी को पार्टी का महासचिव बना दिया है। इस तरह नेहरू-गाँधी परिवार के एक और सदस्य की कांग्रेस में एंट्री हो गई है।
चुनाव से ठीक पहले राहुल गाँधी ने प्रियंका गाँधी को महासचिव बनाकर 'मास्टर स्ट्रोक' खेला है। अगले कुछ दिनों में दूसरे दलों के नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री जेटली कोलकाता की रैली को मोदी विरोधी कैंपेन बताते हैं। जबकि हम किसी व्यक्ति के विरोधी नहीं हैं बल्कि उसकी विनाशकारी नीतियों के विरोधी हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने बिहार में 15 सीटों पर दावा ठोका है। सवाल है कि क्या यूपी के बाद बिहार में भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करेगी?
ममता बनर्जी की कोलकाता रैली में सिर्फ़ नकारात्मकता थी। इस रैली में मौजूद रहे हर एक नेता की एक ही रणनीति है कि मोदी को सत्ता से हटाओ और प्रधानमंत्री बनो।