आम आदमी पार्टी ने पूरी कोशिश की कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस के साथ उसका समझौता हो जाए। लेकिन कांग्रेस के ना कह देने से गठबंधन की संभावनाएँ ख़त्म हो गईं हैं।
तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है। साथ ही यह भी घोषणा कर दी है कि वह लोकसभा में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
शिवसेना को यह भरोसा है कि लोकसभा में अपनी सीटें बढ़ाने के लिए बीजेपी महाराष्ट्र में उसके सामने झुक सकती है जैसे वह बिहार में नीतीश कुमार के आगे झुकी है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका के आने से जिस तरह कार्यकर्ता घर से बाहर निकले, उसी तरह पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता उठ खड़े होंगे और कांग्रेस को नया जीवन मिल जाएगा।
बिहार में चुनाव से पहले आरएलएसपी से नागमणि और हम से वृषिण पटेल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इसके अलावा आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह भी इन दिनों बेचैन हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी द्वारा कांग्रेस के 60 साल के ‘कुशासन’ का जवाब क्या कांग्रेस संघ, गोडसे और सावरकार के इतिहास पर सवाल उठाकर देगी? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के भाषणों को देख कर तो ऐसा ही कुछ लगता है।
2019 के चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए परिस्थितियाँ 2014 जैसी नहीं हैं। शिवसेना के साथ उसके रिश्तों में खटास आ चुकी है। कुछ छोटे दल भी उसका साथ छोड़ चुके हैं।
राहुल गाँधी प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ आज बहुत आक्रामक दिखे। उनका लहज़ा काफ़ी तल्ख़ था और तेवर तीखे। उन्होंने मोदी को कायर, डरपोक कहा। उन्होंने उन्हें मोहन भागवत के रिमोट कंट्रोल से चलने वाला प्रधानमंत्री क़रार दिया।