बिहार महागठबंधन में आरजेडी को 20 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं। शरद यादव की पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय होगा। कई जगहों पर तिकोना मुक़बाल तय है।
मायावती का राजनीतिक संघर्ष सचमुच चमत्कारिक रहा है, लेकिन क्या वह इस लोकसभा चुनाव में सीटें जीतने और प्रधानमंत्री की दावेदारी पर कुछ वैसा ही चमत्कार दिखा पाएँगी?
क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं? यह अटकल काफ़ी तेज़ है कि वह कांग्रेस में ख़ुश नहीं हैं और अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
प्रियंका गाँधी अपनी ओर ध्यान खींचने में सफल रही हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के समय भी, अहमदाबाद के अधिवेशन में भी, दलित नेता चन्द्रशेखर से मिलने के समय भी और प्रयाग से वाराणसी की गंगा यात्रा में भी।
प्रियंका गाँधी मंगलवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष व चंदौली से सांसद महेंद्रनाथ पांडे की बहू अमृता को अपने पाले में खींच लायीं। अमृता पांडे यूपी बीजेपी अध्यक्ष के सगे भाई जीतेंद्र पांडे की बहू हैं।
प्रयागराज के मनैय्या घाट से प्रियंका गाँधी ने कांग्रेस की नाव गंगा में उतार दी है। गंगा में अपनी नाव उतारने से पहले प्रियंका ने संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन भी किए।
भले ही गठबंधन की वजह से बीजेपी को 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि उसे अलग-अलग इलाक़ों में अपना प्रतिनिधित्व बनाकर रखना चाहिए था।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस यूपी की सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है और गठबंधन अकेले ही भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए काफ़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बाक़ी पार्टी नेताओं के नाम के आगे चौकीदार लगाने से यह तय हो गया है कि पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक ढंग से चुनाव लड़ेगी।
वैचारिक विचारधारा से इतर जातियों की गिनती कर अपनी पार्टी से जोड़ने का यह फ़ॉर्मूला बीएसपी को नुक़सान पहुँचा रहा है और वह लगातार अपने जनाधार गँवा रही है।
उत्तर भारत में विपक्ष ने मोदी जी के समक्ष हथियार डाल दिये हैं। अब निहत्थे अवाम को अपनी लाज ख़ुद अपने हाथों से बचानी होगी क्योंकि मीडिया उसके वस्त्र लेकर पहले ही पेड़ पर चढ़ गया है।