पहले चरण में मतदान के बाद सियासी दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। बीजेपी कह रही है कि राष्ट्र की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर लोगों ने वोट दिया है वहीं विपक्षी दलों का दावा है कि बेरोज़गारी और किसान मुद्दे बने हैं।
कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच होगा। एक तरफ़ बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर वोट की राजनीति करेगी तो दूसरी तरफ़ विपक्ष संघीय व्यवस्था की राजनीति करेगा।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रायबरेली सीट से पर्चा दाख़िल कर दिया है। बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी से पर्चा दाख़िल कर दिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण इलाक़ा है और 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर में हुए दंगों के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण हुआ था।
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। पहले चरण में कांग्रेस, बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाँव पर है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 91 सीटों के लिए मतदान ख़त्म हो गया। लोगों ने बड़ी तादाद में मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। हिंसा की कोई बड़ी वारदात होने की ख़बर नहीं है।
शांता कुमार अपना टिकट कटने के बाद पार्टी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी से मिलने गये तो लाल कृष्ण आडवाणी की आँखों में आँसू देख कर उन्हें बहुत पीड़ा हुई।
अमेठी के लिए नामांकन भरने के साथ ही राहुल गाँधी ने रफ़ाल को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज यह साफ़ कर दिया है कि चौकीदार चोर है।
पोल ऑफ़ ओपिनियन पोल्स में एनडीए बहुमत का आँकड़ा पार करते दिख रहा है। एनडीटीवी के पोल ऑफ़ ओपिनियन पोल्स में बीजेपी को 228 सीटें और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 274 सीटें मिलती दिख रही हैं।
क्या चुनाव आयोग की आचार संहिता कारगर नहीं है? यदि ऐसा है तो 66 पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम पत्र क्यों लिखा है? चुनाव आयोग के कामकाज के तरीक़े पर आपत्ति क्यों है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट के नाम पर वोट माँग कर चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाई हैं। पर सवाल यह है कि आख़िर चुनाव क्या कर रहा है?