कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठजोड़ में शामिल नहीं होने के बावजूद उनकी पार्टी ज़बरदस्त ढंग से लड़ेगी और उसका प्रदर्शन इतना अच्छा होगा कि लोग चौंक जाएँगे। दुबई में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने बलबूत चुनाव लड़ेगी, उसकी अपनी खूबियाँ हैं और लोगों को वह चौंका देगी।
राहुल गाँधी ने सपा-बसपा गठजोड़ में अपनी पार्टी के शामिल नहीं किए जाने का बुरा नहीं माना है। उन्होंने कहा है कि वे दोनो दल अपने फ़ैसले लेने को स्वतंत्र हैं, बस भारतीय जनता पार्टी सत्ता में न लौटे। राहुल न कहा, 'मेरे मन मे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के प्रति गहरा सम्मान है। उन्हें अपना निर्णय लेने का अधिकार है और मैं इसका सम्मान करता हूँ।'
राहुल ने कहा कि वे गठजोड़ में कांग्रेस के शामिल नहीं किए जाने से निराश नहीं हैं। उनकी चिंता बस यह है कि बीजेपी की सरकार न बने। राहुल गाँधी ने कहा कि उनकी पार्टी अपनी ताक़त के बल पर चुनाव लड़ेगी और लोगों को देने को बहुत कुछ है।
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शनिवार को सपा नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक साझे प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठजोड़ का एलान किया और कहा कि दोनों पार्टियाँ 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मायावती ने कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने की वजह बताते हुए कहा कि कांग्रेस के वोट उनकी पार्टी को नहीं मिलते जबकि उनकी पाार्टी के वोट कांग्रेस को चले जाते हैं। पिछले साल के चुनाव में सपा और कांग्रेस ने हाथ मिलाया था, अखिलेश और राहुल की एक साथ ली गई तस्वीरें खूब प्रचारित की गई थीं, लेकिन अखिलेश की पार्टी नहीं जीत पाई थी।
राहुल गाँधी ने गठजोड़ में शामिल नहीं किए जाने पर इन नेताओं की आलोचना नहीं कर राजनीतिक सूझबूझ का ही परिचय दिया है। गठजोड़ में शामिल नहीं होने के बावजूद वे सभी विकल्प खुले रखना चाहते हैं ताकि चुनाव बाद की स्थिति में भी इनको साथ लेकर चला जा सके या सरकार बनाते समय ज़ररत पड़ने पर इनकी मदद ली जा सके।
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