संजय राउत से लेकर उद्धव ठाकरे तक बीजेपी सरकार और मोदी पर लगातार तीखे हमले करते, शिवसेना मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी के ख़िलाफ़ लेख छपते रहे, हिन्दुत्व, राम मंदिर, नोटबंदी, हर किसी के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का मुद्दा, रोज़गार के मौक़े बनाने में नाकामी, पाकिस्तान, क्रिकेट, कुछ भी नहीं बचा।
नरेंद्र मोदी
- 24 दिसंबर, 2018 को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र् के पंढरपुर में एक रैली में प्रधानमंत्री का नाम लिए बग़ैर राहुल गाँधी के नारे को उछालते हुए मोदी पर चोट की और कहा, 'ऐसा लगता है कि चौकीदार चोर हो गया है।'
- ठाकरे ने कहा, 'प्रधानमंत्री हर तरह के वादे कर रहे हैं और कहते हैं कि वह इन वादों को 2022 तक पूरा कर देंगे, यानी उन्हें एक बार और वोट दिया जाए। और अंत में कह देंगे कि ये तो चुनाव के समय कहे जाने वाले जुमले थे।
- 25 दिसंबर, 2018 को 'सामना' में छपे एक लेख में कहा गया, 'मोदीजी कहते हैं कि वाजपेयी जीवन के ज़्यादा समय विपक्ष में रहे, पर संतुष्ट रहे। लेकिन ख़ुद मोदीजी मानते हैं कुछ लोग इसका उलटा करते हैं। हमारा सवाल है वे लोग कौन हैं?'
रोज़गार निर्माण
- शिवसेना ने 'सामना' में 6 जनवरी, 2019 को एक लेख छाप कर रोज़गार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया। मोदी ने इसके एक हफ़्ते पहले एक इंटरव्यू में रोजगार निर्माण का जो दावा किया था, 'सामना' ने उसकी धज्जियाँ उड़ा दीं। लेख में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि बड़े पैमाने पर रोज़गार निर्माण किया गया और हो रहा है, जबकि सीएमआईई की रिपोर्ट कहती है कि रोज़गार तो छोड़िए एक करोड़ 9 लाख मजदूरों के पास जो नौकरियाँ थीं उनकी भी नौकरियाँ ख़त्म हो गईं।
- इसी लेख में लिखा था, 'दिसंबर माह में 39 करोड़ 70 लाख कामगारों का पंजीयन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ 9 लाख से कम है। इसका अर्थ यह है कि साल भर में इतने लोगों को अपनी नौकरियाँ गँवानी पड़ी हैं और यही सच्चाई है। प्रधानमंत्री यदि 70 लाख रोजगार निर्माण करने का श्रेय ले रहे होंगे तो फिर उन्हें एक करोड़ 9 लाख लोगों की नौकरियाँ जाने की ज़िम्मेदारी भी लेनी होगी।'
रफ़ाल सौदा
- शिवसेना ने रफ़ाल सौदे पर सीधे नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में 'चौकीदार चोर है' कहा तो 'सामना' में छपे लेख में रफ़ाल सौदे में घपले की बात कही गई और सीधे प्रधानमंत्री पर हमला किया गया। 8 फ़रवरी, 2019 को छपे लेख में कहा गया: ‘प्रधानमंत्री ने बार-बार आरोप लगाया कि कांग्रेस रक्षा सेवाओं को मजबूत नहीं करना चाहती और अगले ही दिन सामने आयी इस खबर से यह पता चलता है कि इस सौदे में मोदी की व्यक्तिगत रुचि कितनी अधिक थी। इसका क्या मतलब निकाला जाए?'
- इसी लेख में लिखा था, ‘मोदी रफ़ाल सौदे से सीधे तौर पर जुड़े थे। रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव जैसे प्रमुख लोगों को इससे दूर रखा गया। मोदी ने खुद ही रफ़ाल की कीमतों और इसका अनुबंध किसे देना है, जैसे मुद्दों पर निर्णय लिया। इसलिए, उन्हें ही आरोपों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ेगा।'
- लेख में कहा गया: देश की जनता लगातार यह सवाल उठाती रहेगी कि जिस विमान की कीमत 500 करोड़ रूपये थी, उसे 1600 करोड़ रूपये में क्यों खरीदा गया। मोदी ने इस देश पर पिछले साढ़े चार साल में अकेले ही शासन किया है, फिर भी कीमतें बढ़ने और भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कांग्रेस पर आरोप लगाकर वह अपनी सरकार की असफलताओं को ढँकने की कोशिश कर रहे हैं।
- ठाकरे ने 2 जनवरी को कहा, यदि सरकार ने कोई घपला नहीं किया है तो वह जाँच से क्यों डर रही है? पारदर्शिता है तो संयुक्त संसदीय समिति ले जाँच करवा ले, सब कुछ साफ़ हो जाएगा।
राम मंदिर
- उद्धव ठाकरे ने 24 दिसंबर को पंढरपुर में हुई रैली में कहा, बीजेपी को चुनाव के ठीक पहले राम मंदिर का भूत चढ़ जाता है, लेकिन उसने बीते तीन दशक में कुछ नहीं किया है।
- मैं कुंभकर्ण को नींद से जगाने के लिए अयोध्या गया था। ये लोग राम मंदिर मुद्दे का फ़ायदा उठा कर चुनाव जीतते हैं और उसके बाद गहरी नींद में सो जाते हैं।
- 25 दिसंबर, 2018 को सामना में छपे एक लेख में कहा गया, 'कुछ लोग सत्ता की ऑक्सीजन के बिना नहीं रह सकते और विपक्ष में बैठने की बात पर ही परेशान हो उठते हैं।'
- सामना ने इसी दिन लिखा, 'सत्ता का ऑक्सीजन पाने के लिए चोरों और गुंडों को शुद्ध किया जा रहा है, क्योंकि वे सत्ता के बिना नहीं रह सकते।'
- इसी लेख में लिखा, 'इसके पहले 2014 में चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने हिन्दुत्व का सिलिंडर चुरा लिया। अब जब लगने लगा है कि लोग हिन्दुत्व के सिलिंडर को बंद कर देंगे, तो बीजेपी शिवसेना के साथ चुनावी तालमेल चाहती है।'
- 24 नवंबर, 2018 को उद्धव ठाकरे अयोध्या गए और वहाँ नरेंद्र मोदी से कहा कि वह बताएँ कि मंदिर कब बनवाएँगे। उन्होंने कहा, वह कहते हैं कि राम मंदिर बनाएँगे, पर उसकी तारीख नहीं बता रहे हैं। दिन, महीने, साल और पीढियाँ गुजर गईं, पर कुछ नहीं हुआ।
- सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा, 'मंदिर बनाने के लिए 56 इंच का सीना नहीं, हिम्मत चाहिए।'
- अयोध्या में राम और बीजेपी में लाल कृष्ण आडवाणी को वनवास दे दिया गया है।
राम मंदिरासाठी किती वर्ष वाट बघणार, मंदिर कधी बांधणार याची तारीख आधी सांगा
— ShivSena - शिवसेना (@ShivSena) November 24, 2018
राम मंदिर के लिए और कितने साल इंतजार करेंगे, राम मंदिर बनाने की तारीख बताएं
- शिवसेना पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धव साहेब ठाकरे#ThackerayinAyodhya #UddhavThackeray #RamMandir pic.twitter.com/jgcaRs4uzN
- शिवसेना ने ट्वीट किया: राम मंदिर के लिए और कितने साल इंतजार करेंगे, राम मंदिर बनाने की तारीख बताएँ।
- 2 जनवरी, 2019 को 'सामना' में छपे एक लेख में कहा कि सरकार को राम मंदिर पर अध्यादेश लाना चाहिए।
- 'सामना' में 22 नवंबर को छपे संपादकीय में कहा गया, 'हमें गर्व है कि शिव सैनिकों ने बाबरी मसजिद ढहा दी थी।'
- बीजेपी वोट पाने के लिए राम मंदिर की बात करती है, पर हमारे लिए यह आस्था का सवाल है। हमारा कहना है, पहले मंदिर फिर सरकार।
'अच्छे दिन', जीएसटी
'सामना' ने 22 जुलाई, 2017 को उद्धव ठाकरे का एक बड़ा इंटरव्यू छापा, जिसमे पार्टी के प्रमुख ने नोटबंदी, जीएसटी, अच्छे दिन, संघ-राज्य रिश्ते, लोकतंत्र तमाम मुद्दों पर सीधे- सीदे नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमले किए।- उद्धव ने कहा कि अच्छे दिन सिर्फ विज्ञापनों में हैं।
- सभी चीजें केवल प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुसार हो रही हैं, ऐसे में क्या हम मान सकते हैं कि देश में सच्चा लोकतंत्र है?
- नोटबंदी की वजह से पिछले चार महीने में करीब 15 लाख लोगों का रोजगार छिन गया। ऐसे लोगों की दाल-रोटी के लिए सरकार ने क्या व्यवस्था की है?
- जीएसटी को लेकर भी उद्धव ने मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की।
- जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने दिल्ली से देश चलाने के बजाय पंचायती राज को निचले स्तर तक पहुंचाया था। वहीं आज मोदी प्रधानमंत्री हैं तो उस स्वायत्तता को खत्म कर सब कुछ केंद्र के हाथ में रखने का काम कर रहे हैं।
बुलेट ट्रेन
- 'सामना' ने 13 सितंबर, 2017 को उद्धव ठाकरे का एक इंटरव्यू छापा, जिसमें उन्होने बुलेट ट्रेन को लेकर नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की।
- मुंबई की लोकल ट्रेनों का बुरा हाल है, पर अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलेगी।
- मराठवाड़ा, कोंकण और विदर्भ के सांसद लोकसभा में रोज़ रेल परियोजनाओं की माँग करते हैं, सरकार नहीं सुनती है। पर बुलेट ट्रेन चलेगी, जबकि हमने इसकी माँग नहीं की है।
- इसमें कोई संदेह नहीं कि बुलेट ट्रेन किसानों का हक़ मार कर चलाई जाएगी।
- सिर्फ धनी लोगों के लिए देखे गए प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 1,08,000 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र 30,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- बुलेट ट्रेन किसी समस्या का समाधान नहीं है, यह अपने आप में एक समस्या है।
गाय, हिन्दुत्व
शिवसेना ने बीजेपी के प्रिय विषय गाय पर भी उसे नहीं बख़्शा और जम कर हमले किए, जबकि वह स्वयं उग्र हिन्दुत्व की राजनीति करती है।- सामना में 22 जुलाई, 2018 को छपे इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा, 'इस देश में गाय सुरक्षित है, पर महिलाएँ नहीं।'
- 'यदि गोरक्षा के नाम पर बहस इस पर केंद्रित कर देते हैं कि कोई गोमांस खा सकता है या नहीं तो यह सिर्फ़ दिखावा है। यह हिन्दुत्व नहीं है, मैं उस तरह के हिन्दुत्व का समर्थन नहीं करता जिस तरह का हिन्दुत्व इस समय देश में चलाया जा रहा है। हमारी महिलाएँ असुरक्षित हैं और आप गाय बचाने में लगे हैं। आप गोमाता की बात करें, हम अपनी माता की बात करेंगे।'
भारत रत्न, सावरकर
'सामना' ने 27 जनवरी को अपने संपादकीय में भारत रत्न देने के मुद्दे पर सरकार को घेरा और विनायक दामोदर सावरकर को यह सम्मान नहीं दिए जाने पर सवाल किया।- आज किसे भारत रत्न मिला? प्रणव मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हज़ारिका भारत रत्न बना दिए गए। सावरकर को एक बार फिर काला पानी। शर्म! शर्म!
- सावरकर में क्या कमी रह गई जो उन्हें यह सम्मान नहीं दिया गया? वे हि्दू राष्ट्र के सिद्धान्त के जन्मदाता थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में काफ़ी त्याग किया। पर बीजेपी की सरकार उन्हें भारत रत्न देने में नाकाम रही। एक बार फिर दुर्भाग्यपूर्ण बात हुई।
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