तमिलनाडु की राजनीति में अब तक हाशिए पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी ने वहाँ लोकसभा चुनाव के लिए राज्य के सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम से क़रार किया है। इसके तहत एआईएडीएमके उसे 5 सीटें देने पर राजी हो गई है। लोकसभा के अलावा राज्य विधानसभा की 21 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए भी दोनों दलों में सीटों का समझौता हुआ है।
बीजेपी के लिए 5 सीटें पहले से बेहतर सौदा है क्यंकि इसका उस राज्य में कोई ख़ास आधार नही है, पिछले लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ़ एक सीट मिली थी। उसके कन्याकुमारी से उम्मीदवार पी राधाकृष्णन चुनाव जीत गए थे और वे केंद्र में वित्त राज्य मंत्री बनाए गए थे। बीजेपी को सहयोगियों ने दो सीटें जीती थीं। इस लिहाज़ से इस पार्टी को बहुत ही फ़ायदा है। तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने क़रार का एलान करते हुए कहा कि राज्य विधानसभा का उपचुनाव एआईएडीएमके की अगुआई में लड़ा जाएगा और लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर। पिछले आमसभा चुनाव में एआईएडीएमके के 37 सांसद चुने गए थे, इस लिहाज़ से उसे काफ़ी नुक़सान है। एआईएडीएमके पार्टी पिछल दिनों टूट गई। इसकी बड़ी नेता वी. के. शशिकला के भतीजे टी. टी. वी. दिनकरण ने एएमएमके नामक नई पार्टी बना ली, उन्होंने जयललिता के चुनाव क्षेत्र आर.के.नगर से चुनाव भी जीत लिया। समझा जाता है कि यह पार्टी कमज़ोर हुई है।
समझा जाता है कि तमिलनाडु की राजनीति में एआईएडीएमके का कट्टर विरोधी माना जाने वाला डीएमके भी जल्द ही कांग्रेस के साथ क़रार का एलान कर देगा।
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