केरल के एक वरिष्ठ राजनेता और केरल कांग्रेस (एम) के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज को कथित तौर पर नफ़रती भाषण देने के मामले में रविवार को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन में कथित तौर पर सांप्रदायिक तौर पर नफ़रत फैलाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया था और मुसलमानों पर निशाना साधा था।
पुलिस ने शनिवार को जॉर्ज के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य की राजधानी में एक सम्मेलन में उनके भाषण ने धार्मिक घृणा को बढ़ावा दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि फोर्ट पुलिस थाने की पुलिस ने रविवार तड़के जॉर्ज को कोट्टायम ज़िले के एराट्टुपेटा स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया। राज्य के पुलिस प्रमुख अनिल कांत के निर्देश पर फोर्ट थाने की पुलिस ने पूर्व विधायक के ख़िलाफ़ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की।
अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले जॉर्ज एक धार्मिक सम्मेलन में अपने भाषण में मुसलमानों को निशाना बनाते दिखे थे। संघ परिवार द्वारा समर्थित उस कार्यक्रम अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन में जॉर्ज ने कहा था कि मुसलमानों द्वारा चलाए जाने वाले रेस्तरां से बचना चाहिए क्योंकि वे कुछ प्रकार की बूंदों का उपयोग करते हैं जो नपुंसकता का कारण बनते हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने भाषण में 'लव जिहाद' और 'पुरुषों और महिलाओं की नसबंदी' द्वारा 'मुसलिम देश स्थापित करने के एजेंडे' की भी बात की थी।
शनिवार को कई शिकायतों के बाद पुलिस ने जॉर्ज के ख़िलाफ़ धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव के ख़िलाफ़ कृत्य करने के आरोप में मामला दर्ज किया।
जॉर्ज 2016 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता था। तब उन्होंने यूडीएफ, एलडीएफ और एनडीए को हराया था।
जॉर्ज पुंजर में छह टर्म तक विधायक रहे हैं। पहले उन्हें मुसलिमों का समर्थन मिलते रहा था। लेकिन बाद में उनपर धार्मिक नफ़रत फैलाने वाला भाषण देने का आरोप लगता रहा है।
इससे पहले केरल कांग्रेस (जोसेफ) के साथ अपना करियर शुरू करने के बाद जॉर्ज 2006 में केरल कांग्रेस (सेक्युलर) बनाने के लिए अलग हो गए थे। उन्होंने अनुभवी वी एस अच्युतानंदन की सत्ता में रहने के दौरान अनौपचारिक क्षमता में वामपंथ के साथ गठबंधन किया था।
बाद में 2011 से 2016 तक यूडीएफ शासन के दौरान जॉर्ज ने राज्य सरकार के मुख्य सचेतक के रूप में कार्य किया। 2016 की जीत के बाद जॉर्ज ने बीजेपी की ओर रुख किया। 2017 में उन्होंने एक नई पार्टी, केरल जनपक्षम बनाई, और वह एनडीए के सहयोगी बन गए। बीजेपी भी राज्य में एक ईसाई चेहरे की तलाश में थी।
इस नए कार्यकाल में जॉर्ज को उनके मुसलिम विरोधी हमलों के लिए जाना जाता है। उन्होंने एक बयान में कहा था 'मुसलमान ईसाइयों पर बमबारी करते हैं'। बाद में इस टिप्पणी के लिए उन्होंने माफी मांगी थी।
2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान जॉर्ज ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। उन्होंने मुस्लिम विरोधी अभियान को जारी रखते हुए हिंदू और ईसाई वोट हासिल करने का प्रयास किया था।
बहरहाल, सत्तारूढ़ सीपीएम और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने जॉर्ज की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने शुक्रवार की घटना के बाद कहा कि जॉर्ज समाज का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे थे। एक बयान में सीपीएम ने मांग की थी कि जॉर्ज अपना बयान वापस लें और माफी मांगें। कांग्रेस नेता वी डी सतीसन ने भी कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
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