केरल में राजनीतिक हत्याओं का खतरनाक ट्रेंड उभर रहा है। वहां आरएसएस और एसडीपीआई के नेता, कार्यकर्ता एक दूसरे की हत्या में लिप्त पाए गए हैं। हत्याओं का यह ट्रेंड बढ़ा और फैला तो देश में गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं।
केरल के महात्मा गांधी विवि में स्कॉलर दीपा पी मोहनन सात साल में भी पीएचडी पूरा नहीं करने के लिए एक प्रोफेसर पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाती रहीं, लेकिन जब भूख हड़ताल की तब कार्रवाई हुई।
आँकड़े बताते हैं, केरल में 2020 के धर्म परिवर्तन के मामलों में ज़्यादातर लोग दूसरे धर्मों से हिन्दू बने, फिर बीजेपी क्यों खड़ा करती है धर्मांतरण का हौव्वा?
केरल में गुरुवार को 30 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के केस आए। जून के बाद से लगातार मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। तो क्या एक समय कोरोना नियंत्रण के लिए जिस केरल मॉडल की तारीफ़ हो रही थी वह 'टांय-टांय फिस्स' साबित नहीं हुआ?
केरल सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ओणम की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है। केंद्र सरकार ने भी दूसरे राज्यों को कोरोना बढ़ने के प्रति आगाह किया है।
बीजेपी के सहयोगी दल भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में ग़ैर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले किसी शख़्स को मुख्य पुजारी बनाने की मांग की है।
केरल में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जो किया जा रहा है उसकी आलोचना की जानी चाहिए या तारीफ़? वास्तव में क्या केरल में बेहद बुरे हालात हैं? क्या वहाँ दूसरे राज्यों की अपेक्षा ख़राब ढंग से निपटा जा रहा है?
केरल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर शनिवार से दो दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। राज्य के मुख्य सचिव डॉ. वीपी रॉय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान कुछ मामलों में दी गई छूट जारी रहेगी।
केरल में बुधवार को 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 22 हज़ार से ज़्यादा मामले आए हैं। ये पूरे देश में हर रोज़ आ रहे मामलों के क़रीब 50 फ़ीसदी हैं। आख़िर वहाँ संक्रमण के मामले इतना ज़्यादा कैसे हैं?