आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और बीजेपी जैसे हिन्दुत्ववादी संगठन और राजनीतिक दल तो ‘लव जिहाद’ की बात करते ही रहे हैं, अब ईसाई संगठन भी यह मुद्दा ज़ोर शोर से उठाने लगे हैं।
केरल के साइरो मालाबार कैथोलिक चर्च ने कहा है कि ‘लव जिहाद’ अब वहाँ की सच्चाई है और ईसाई लड़िकयों को फँसा कर, यौन उत्पीड़न और फिर ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उसके बाद उन्हें इसलामिक स्टेट में शामिल होने को मजबूर किया जाता है। ऐसा करने से इनकार करने वाली लड़कियों को डराया-धमकाया जाता है, उनका ब्लैकमेल किया जाता है और उनकी हत्या तक कर दी जाती है।
निशाने पर ईसाई लड़कियाँ
पादरियों के सबसे बड़े मंच साइनॉड ने कहा है कि ईसाई लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है, उनकी हत्या की जा रही है। इस मुद्दे पर माता-पिता और लड़कियों को उचित मार्गदर्शन की ज़रूरत है। साइनॉड ने एक प्रेस बयान में कहा :
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यह सच्चाई है कि केरल में लव जिहाद है जो लड़कियों को निशाना बनाता है। हाल के दिनों में राज्य से जो 21 लोग इसलामिक स्टेट में शामिल हुए हैं, उनमें से आधे वे हैं, जिन्हें ईसाई से धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनाया गया है।
साइरो मालाबार कैथोलिक चर्च के प्रेस बयान का एक अंश
यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल!
प्रेस बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें ईसाई लड़कियों को फँसाया गया है, उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया है और ब्लैकमेल कर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया है। पुलिस कुछ नहीं करती है। यह धर्म से जुड़ा मामला नहीं है, यह क़ानून व्यवस्था का मामला है।
विश्व हिन्दू परिषद ने कैथोलिक चर्च का समर्थन करते हुए कहा है कि केरल समाज में ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए सबको एकजुट होने की आवश्यकता है।
केरल के चर्च का ऐसा कहना अहम इसलिए है कि 2017 में एक मामले में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि ‘दो धर्मों के लोगों की हर शादी को धार्मिक आधार पर न देखा जाए और धर्मों के बीच खाई गहरी करने की कोशिश न की जाए।’
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने केरल के कैथोलिक चर्च के आरोपों का जवाब देते हुए इसके समय पर सवाल उठाया है। उसने कहा है कि ये आरोप ऐसे समय लगाए जा रहे हैं, जब हिन्दू फासीवाद के ख़िलाफ़ सबको एकजुट होने की ज़रूरत है।
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