loader

कैफ़े कॉफ़ी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला

कैफ़े कॉफ़ी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिल गया है। सिद्धार्थ सोमवार शाम से ही लापता थे और नेत्रावती नदी में उनके शव की तलाश की जा रही थी। वह पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद थे। 

लापता होने से पहले उन्होंने अपने कर्मचारियों को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था और ‘लाभदायक व्यवसाय’ बनाने में सक्षम नहीं होने पर ख़ेद जताया था। सिद्धार्थ के कार्यालयों पर सितंबर 2017 में आयकर अधिकारियों ने छापा मारा था।

ताज़ा ख़बरें
पुलिसकर्मी, तटरक्षक बल, गोताखोर और मछुआरे सभी उनकी तलाश में जुटे थे। सिद्धार्थ (60) सोमवार को कार से ड्राइवर के साथ निकले थे और उन्हें अंतिम बार बेंगलुरु से 350 किमी दूर मंगलुरु में नेत्रावती नदी पर बने एक पुल पर देखा गया था। सिद्धार्थ के ड्राइवर ने कहा था कि उन्होंने उन्हें 1 किमी लंबे पुल के बीच में छोड़ने को कहा था और उसे दूसरे छोर की ओर जाने और वहाँ रुकने के लिए कहा था। काफ़ी देर तक जब सिद्धार्थ दूसरे छोर पर नहीं पहुँचे थे तो ड्राइवर ने पुलिस को जानकारी दी थी।
कर्नाटक से और ख़बरें
लापता होने से पहले सिद्धार्थ ने जो पत्र अपने कर्मचारियों के नाम लिखा है उसमें उन्होंने लिखा, ‘मैं अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद सही लाभदायक व्यवसाय मॉडल बनाने में विफल रहा। मैं कहना चाहूँगा कि मैंने इसे अपना सब कुछ दे दिया। मुझे उन सभी लोगों को निराश करने का बहुत दुख है जो मुझ पर विश्वास रखते हैं। मैंने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी, लेकिन आज मैं हार गया क्योंकि मैं और दबाव नहीं झेल सकता…।’
सिद्धार्थ ने आगे लिखा,‘...शेयर वापस लेने के लिए निजी इक्विटी भागीदारों में से एक भागीदार के द्वारा मजबूर किए जाने के और अधिक दबाव को मैं नहीं झेल सकता। इस लेन-देन को मैंने छह महीने पहले ही एक दोस्त से बड़ी राशि उधार लेकर आंशिक रूप से पूरा किया था। उधार देने वालों के ज़बरदस्त दबाव के कारण मैं इस स्थिति में पहुँच चुका हूँ। आयकर के पूर्व डीजी ने दो अलग-अलग मौक़ों पर मुझे बहुत परेशान किया था, एक तो हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए और दूसरा, हमारे शेयरों को लेने के लिए...यह बहुत ही अनुचित था और इस कारण काफ़ी गंभीर लिक्विडिटी क्रंच आ गया।’
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें