यौन उत्पीड़न टेप कांड के आरोपी सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शुक्रवार को 6 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। शहर की एक अदालत ने कहा कि रेवन्ना के वकीलों को हर दिन सुबह 9.30 से 10.30 बजे के बीच उनसे मिलने की अनुमति होगी। मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने जेडी-एस सांसद के खिलाफ दर्ज तीन यौन उत्पीड़न मामलों में से पहले मामले में रेवन्ना की 15 दिन की हिरासत मांगी थी।
म्यूनिख से बेंगलुरु पहुंचने के बाद शुक्रवार सुबह ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। जर्मनी से लौटने के बाद प्रज्वल को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विशेष जांच दल ने उनको पकड़ा और पूछताछ के लिए सीआईडी कार्यालय ले जाया गया। गिरफ्तारी से पहले प्रज्वल ने एक बलात्कार पीड़िता के अपहरण के मामले में अग्रिम जमानत के लिए स्थानीय अदालत का रुख किया था। हासन लोकसभा सीट से एनडीए के उम्मीदवार प्रज्वल अप्रैल में तब देश छोड़कर चले गए थे जब कर्नाटक में कई महिलाओं के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले उनके वीडियो क्लिप सामने आने लगे थे।
प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। रेवन्ना के खिलाफ कुछ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ये महिलाएं रेवन्ना के घर में किचन से लेकर तमाम घरेलू काम तक करती थीं। इनमें से एक महिला ने पुलिस में एफआईआर भी कराई थी। रेवन्ना के यौन उत्पीड़न आरोपों वाले करीब 3000 वीडियो-फोटो एक पेन ड्राइव के जरिए सामने आए हैं। केस दर्ज होने के बाद कर्नाटक सरकार ने एसआईटी गठित की थी।
पीड़ित महिला के बेटे द्वारा दायर शिकायत के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना पर भी 29 अप्रैल को एक महिला के कथित अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी की शिकायत के बाद कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल यानी एसआईटी गठित की है। काफी किरकिरी होने के बाद जेडीएस नेतृत्व ने प्रज्वल को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
हासन संसदीय क्षेत्र में मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को वह देश छोड़कर चले गए थे। इंटरपोल ने एसआईटी के अनुरोध पर इस महीने की शुरुआत में प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रज्वल के खिलाफ दर्ज बलात्कार की तीन एफआईआर में प्राथमिक सबूत तीन पीड़ितों के बयान हैं। एसआईटी ने जेडीएस सांसद के खिलाफ अपना मामला बनाने के लिए उन स्थानों की पुष्टि करने सहित अन्य सबूत भी जुटाए हैं, जहां कथित तौर पर वीडियो शूट किए गए थे और वीडियो में लोगों की शारीरिक विशेषताओं और आवाजों का विश्लेषण किया गया है।
एसआईटी आरोपी और पीड़ितों के सेल फोन टावर लोकेशन की जानकारी जैसे तकनीकी डेटा का भी इस्तेमाल कर रही है। अंग्रेजी अख़बार ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि एक दर्जन से अधिक गवाहों के बयान भी जुटाए गए हैं।
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