कर्नाटक में बीजेपी की युवा शाखा के नेता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद सुल्लिया, कदाबा और पुत्तूर तालुकों में धारा 144 लागू है और पुलिस अलर्ट मोड पर है। हालात को देखते हुए पुलिस ने इन इलाकों में सभी दुकानों, होटल व अन्य प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी इस मामले में तमाम फीडबैक ले रहे हैं क्योंकि प्रवीण की हत्या से कर्नाटक बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है।
प्रवीण की मां ने कहा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री बोम्मई गुरुवार को प्रवीण के परिवार से मिलने जा सकते हैं और उन्होंने अपने तमाम कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेताओं ने कर्नाटक के कई इलाकों में पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि राज्य में बीजेपी की सरकार है लेकिन उसके बाद भी पार्टी कार्यकर्ताओं की जान खतरे में है।
बता दें कि प्रवीण की बेल्लारे गांव में मंगलवार रात को 9:30 बजे हत्या कर दी गई थी। प्रवीण पोल्ट्री की दुकान चलाते थे और दक्षिण कन्नड़ जिले में जिला सचिव के पद पर थे।
कुल्हाड़ी से हमला
अधिकारियों के मुताबिक, प्रवीण ने अपनी दुकान बंद करने के बाद केरल के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली एक बाइक पर दो लोगों को अपनी ओर आते हुए देखा। प्रवीण उनसे बचने के लिए नजदीक की एक दुकान में भागा लेकिन तब तक हमलावरों ने उसके सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया और भाग गए।
दो एंगल आए सामने
पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में अभी तक दो एंगल सामने आए हैं। पहला एंगल यह है कि कुछ दिन पहले केरल के रहने वाले मसूद नाम के युवक की हत्या हुई थी। हो सकता है कि प्रवीण की हत्या मसूद की मौत का बदला लेने के लिए की गई है। मसूद की हत्या के मामले में पुलिस ने दक्षिणपंथी संगठनों के 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।
जबकि दूसरा एंगल, राजस्थान में कन्हैया लाल की हत्या की निंदा करना और बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने का है। पुलिस दोनों एंगल पर गहराई से जांच कर रही है।
एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (कानून और व्यवस्था), आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस की 6 टीमें इस मामले में जांच कर रही है। पुलिस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए तमाम जगहों से जानकारियां जुटा रही है।
इस्तीफे की चेतावनी
राज्य में बीजेपी के विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने कहा है कि अगर राज्य सरकार प्रवीण के हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है, जब हम अपने हिंदू कार्यकर्ताओं की सुरक्षा नहीं कर सकते तो सत्ता में बने रहने का क्या फायदा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्रवाई का भी हवाला दिया और कहा कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मॉडल की तर्ज पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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