ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद बुरी तरह विवादों में फंसे ईश्वरप्पा को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा लेकिन कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन अभी भी राज्य सरकार के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है।
कर्नाटक में भ्रष्टाचार के आरोपों और दूसरी गड़बड़ियों पर सरकार के गिरने का इतिहास रहा है। जिस तरह के आरोप बसवराज बोम्मई सरकार पर लग रहा है, उससे वह कैसे निपटेगी?
एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस सरकार के 5 से 6 मंत्री और 20 विधायकों के भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेजों को अगले 15 दिन में जारी करेगा। एसोसिएशन ने काम रोकने की भी धमकी दी है।
बीजेपी और कांग्रेस ने कर्नाटक में पार्टी के बड़े नेताओं को 224 में से 150 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। इससे साफ है कि राज्य में इस बार जोरदार चुनावी मुक़ाबला देखने को मिलेगा।
कर्नाटक में पहले हिजाब का विवाद उठा, फिर धार्मिक उत्सवों में मुसलिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाया गया और अब हलाल मांस पर विवाद है। चुनाव से पहले ऐसे विवाद क्यों?
एक वक्त में टीपू सुल्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले बीजेपी के नेता अब उसकी मुखालफत पर क्यों उतर आए हैं, इसका जवाब बीजेपी के नेताओं को ही देना चाहिए।
उडुपी और शिवामोगा के मंदिरों में होने वाले त्योहारों में वीएचपी, हिंदू जागरण वेदिके, बजरंग दल और श्री राम सेना ने मुसलिम दुकानदारों को दुकान न लगाने की देने की मांग की थी।