मंगलुरु में ऑटो में हुए धमाके के मामले में कर्नाटक पुलिस ने सोमवार को कहा है कि अभियुक्त मोहम्मद शरीक़ आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रभावित था और वह उसके हैंडलर्स के संपर्क में रहने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करता था। कर्नाटक पुलिस ने कहा है कि शरीक़ ने आईएसआईएस के कई हैंडलर्स के साथ काम किया था और इसमें से एक हैंडलर अल हिंद नाम के संगठन से जुड़ा था। अल हिंद भी आईएसआईएस से प्रभावित है।
बताना होगा कि पडिल-पंपवेल मेन रोड पर कंकनाडी टाउन पुलिस थाने के पास शनिवार शाम को करीब 5 बजे एक ऑटो में धमाका हुआ था।
धमाके में ऑटो ड्राइवर और शरीक़ झुलस गए थे। ऑटो ड्राइवर ने बताया था कि शरीक़ के बैग में कुछ ऐसा था जिसने आग पकड़ ली और इसने पूरे ऑटो को अपनी चपेट में ले लिया।
ठीक होने का इंतजार
शिमोगा जिले का रहने वाला शरीक़ एक प्रेशर कुकर में आईईडी ले जा रहा था। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। कर्नाटक पुलिस के शीर्ष अफसर आलोक कुमार का कहना है कि पुलिस मोहम्मद शरीक़ के ठीक होने का इंतजार कर रही है, जिसके बाद उससे पूछताछ की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि शरीक़ ने यह बम अपने घर पर ही बनाया था और नदी के किनारे पर बम धमाके का अभ्यास भी किया था।
एनडीटीवी के मुताबिक, शरीक़ इन दोनों अराफात अली के संपर्क में था और अराफात अली 2 मामलों में अभियुक्त है। अब्दुल मतीन ताहा शरीक़ का मुख्य हैंडलर था। इसके अलावा दो से तीन अन्य हैंडलर भी शरीक के साथ काम कर रहे थे और अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है।
पुलिस ने इस मामले में कर्नाटक में 5 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। शरीक़ मैसूर में जिस घर में रह रहा था, वहां भी छापेमारी की गई है और वहां से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों को बरामद किया गया है।
बम धमाके का अभ्यास
पुलिस अफसर ने बताया कि शरीक़ आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित था और उसने अपने घर पर बम बनाया था। 19 सितंबर को शरीक़ ने अपने दो अन्य सहयोगियों के साथ शिवमोगा के एक जंगल में नदी के किनारे बम धमाके का अभ्यास भी किया था। इसके अगले दिन पुलिस ने उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था लेकिन शरीक़ बच निकलने में कामयाब रहा था और उसने मैसूर में चोरी किए गए आधार कार्ड से किराए पर घर ले लिया था और वहां भी वह बम बनाने के काम में जुटा था।
आतंकी कृत्य
इस बम धमाके को पुलिस ने आतंकी कृत्य बताया है और कहा है कि इस मामले में गहराई से जांच पड़ताल की जा रही है। कर्नाटक पुलिस के डीजीपी प्रवीण सूद ने रविवार को कहा था कि कर्नाटक पुलिस इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर जांच कर रही है और यह धमाका बड़ा नुकसान करने के इरादे से किया गया था।
इस मामले में यह भी पता चला है कि मोहम्मद शरीक़ सितंबर के पहले हफ्ते में कोयंबटूर में रुका था और इस दौरान उसने अपने एक दोस्त सुरेंद्र के आधार कार्ड का इस्तेमाल सिम खरीदने के लिए किया था।
इस घटना की वजह से मंगलुरु में तनाव का माहौल है।
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