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फोटो साभार: ट्विटर/@bole_bharat

पाटिल आत्महत्या मामले में ईश्वरप्पा ने दिया इस्तीफा

भ्रष्टाचार के आरोपों और एक ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में फंसे कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ बेंगलुरु में उनके आवास पर बैठक के बाद ईश्वरप्पा ने शुक्रवार देर शाम को अपना इस्तीफा सौंप दिया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार जब ईश्वरप्पा ने अपना इस्तीफा दिया तो राज्य के मंत्री बैराती बसवराज, एमटीबी नागराज, अरागा ज्ञानेंद्र और विधायक रमेश झारकीहोली भी मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद थे।

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हालाँकि, अभी यह साफ़ नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोप में उनके ख़िलाफ़ कोई क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी या नहीं। ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। ठेकेदार संतोष पाटिल का शव दो दिन पहले उड्डुपी के एक होटल से बरामद हुआ था। साथ ही उनका सुसाइड नोट भी मिला था। उसमें पाटिल ने अपनी मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को ज़िम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था कि मंत्री ईश्वरप्पा उनसे 40 फीसदी कमीशन मांग रहे थे। उन्होंने उनके कहने पर सड़क भी बना दी थी लेकिन अब उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। सुसाइड नोट के बाद पुलिस ने मंत्री ईश्वरप्पा और उनके दो खास लोगों बासवराज और रमेश के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कर ली।

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कर्नाटक सरकार के साथ ही बीजेपी पर भी ईश्वरप्पा के इस्तीफे के लिए भारी दबाव था। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि कांग्रेस ने जहाँ इस्तीफे की मांग को बड़ा मुद्दा बना दिया था, वहीं कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने भी कर्नाटक सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था।

कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी. केएमपन्ना और अन्य पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कहा था कि बसवराज बोम्मई की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच चुका है और पूरी सरकार यहाँ तक कि मुख्यमंत्री कार्यालय भी कमीशनखोरी के इस रैकेट में शामिल है। उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायक सरकारी कामों के टेंडर के लिए सीधे 40 फीसदी कमीशन मांगते हैं। 

एसोसिएशन ने कहा था कि सरकारी विभागों द्वारा मांगी जा रही घूस के खिलाफ 25 मई को बेंगलुरु में रैली होगी और इसमें राज्य भर से 50,000 ठेकेदार शामिल होंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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