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केरल-कर्नाटक बन रहे हैं इसलामिक स्टेट के भारतीय अड्डे

संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि आतंकवादी संगठन इसलामिक स्टेट भारत में पैर पसार रहा है और वहाँ उसके 150-200 सदस्य हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने 21 अगस्त को राजधानी से आईएस के एक सदस्य को गिरफ़्तार किया है। लेकिन उसके कुछ दिन पहले ही केरल-कर्नाटक में इस संगठन के लोगोें को पकड़ा जा चुका है। 
क़मर वहीद नक़वी
इसलामी तौर तरीके से चलने वाले राज्य यानी ख़िलाफ़त की स्थापना का सपना देखने वाला आतंकवादी संगठन इसलामिक स्टेट अब भारत में अपनी जड़ें जमा रहा है। केरल और कर्नाटक में इसने अपनी ज़मीन बना ली है और बीच बीच में अपनी मौजूदगी का एहसास कराता रहता है।
नैशनल इनवेस्टीगेशन एजेन्सी यानी एनआईए ने कर्नाटक के बेंगलुरु से आँखों के एक डॉक्टर को गिरफ़्तार किया है, जो 2014 में सीरिया में इसलामिक स्टेट के लिए काम कर चुका है और फ़िलहाल उसके तार इसलामिक स्टेट खोरासान प्रोविन्स (आईएसकेपी) से जुड़े हुए हैं। अब्दुर रहमान को जम्मू-कश्मीर के जहानजेब समी वानी की मदद करने और उसके साथ साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।

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आईएसकेपी से जुड़े तार

वानी और उसकी पत्नी हीना बशीर बेग को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा था कि जहानजेब समी और उनकी पत्नी हीना बशीर इसलामिक स्टेट के खुरासान मोड्यूल से जुड़े हुए हैं और ये नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन को भड़का रहे थे। इन्हें जामिया नगर इलाके से गिरफ़्तार किया गया था।
पुलिस के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान के इसलामिक स्टेट मोड्यूल के संपर्क में यह जोड़ा था। इन लोगों का मक़सद भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन का फ़ायदा उठाना था। वे मुसलमान युवकों को भड़काना चाहते थे और दिल्ली में आतंकवादी हमले करने की योजना में थे।

यह भी कहा गया है कि जहानजेब शमी एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। वे लोग 'इंडियन मुसलिम्स यूनाइट' नामक सोशल मीडिया अकाउंट भी चलाते थे।
एनआईए ने कहा है कि अब्दुर रहमान ने यह माना है कि वह जहनज़ैब समी और सीरिया में आईएसआईएस के दूसरे लोगों से संपर्क में था और मैसेजिंग प्लैटफ़ॉर्म पर सक्रिय था। वह इस प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल इसलामिक स्टेट के लिए कर रहा था।

आईएस के लिए बना रहा था ऐप

रहमान ने एनाआईए से यह भी बताया कि वह इसलामिक स्टेट के घायल आतंकवादियों की मदद के लिए एक ऐप बना रहा था। इसके अलावा वह इसलामिक स्टेट के लिए ऐसा ऐप विकसित करना चाहता था, जिसका इस्तेमाल हथियार के रूप में किया जा सकता था।
पुलिस का कहना है कि इन दोनों के रिश्ते इसलामिक स्टेट के एक दूसरे आदमी अब्दुल्ला बासित से थे। 
इसके पहले एनआईए ने पुणे से सादिया अनवर शेख और नबील सिद्दिक खत्री को इसलामिक स्टेट से संबंध होने के मामले में गिरफ़्तार किया था।

हैदराबाद

हैदराबाद के बासित और दूसरे तीन लोगों ने सितंबर 2014 में भारत छोड़ कर चले जाने और आईएस से जुड़ने की योजना बनाई थी। उनका पता लगा कर उन्हें कोलकाता में रोक लिया गया था, उन्हें हैदराबाद लाया गया था। 
बासित पर आरोप है कि वह अबू धाबी के आईएस मॉड्यूल से 2016 में जुड़ा हुआ था, उसने कर्नाटक के एक युवक को आईएसआईएस तक पहुँचने के लिए 50 हज़ार रुपए दिए थे।

केरल कनेक्शन!

इसके भी पहले मार्च 2020 में अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में एक गुरुद्वारे पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें एक भारतीय भी था। उसकी पहचान महुम्मद मुहसिन के रूप में की गई थी।
मुहसिन केरल के कन्नूर ज़िले का रहने वाला था। वह 2018 में ही अफ़ग़ानिस्तान चला गया और इसलामिक स्टेट खुरासान प्रोविन्स में शामिल हो गया। 
केरल के कसरगढ़ और मल्लापुरम ज़िलों से साल 2016 से अब तक कम से कम दो दर्जन युवक अफ़ग़ानिस्तान जा कर इसलामिक स्टेट में शामिल हो गए हैं।

केरल से अफ़ग़ानिस्तान

केरल पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मुहसिन केरल से गए 21 सदस्यों के पहले मोड्यूल में नहीं था। ये लोग केरल से अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहर गए थे।
मुहसिन 2018 में केरल के पयन्नूर से नौकरी करने दुबई गया, वहाँ से वह अफ़ग़ानिस्तान चला गया। पुलिस का यह भी कहना है कि मुहसिन ने स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। मुहसिन की माँ ने कहा कि दो दिन पहले ही इसलामिक स्टेट ने उन्हें सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर कहा कि उनका बेटा 'शहीद' हो गया। लेकिन मुहसिन की माँ पुलिस को वह टेलीग्राम नहीं दिखा पाईं। उन्होंने कहा कि उन्होंने डर कर वह टेलीग्राम मैसेज डिलीट कर दिया।

श्रीलंका धमाके में हाथ?

इसके पहले मई 2019 में ईस्टर रविवार के मौके पर श्रीलंका में गिरजाघरों पर एक साथ धमाके हुए थे। उस मामले में भी केरल के आईएस सदस्यों के नाम जुड़े थे। एनआईए ने  रियाज़ अबू बक़र को आईएस से जुड़े होने के आरोप में केरल के कोच्ची से गिरफ़्तार किया था, वह पलक्काड ज़िले के कमब्रथचाला गाँव का रहने वाला था।
एनआईए ने आरोप लगाया था कि रियाज़ श्रीलंका धमाकों के मास्टरमाइन्ड समझे जाने वाले ज़हरान हाशिम के भाषणों और तक़रीरों के वीडियो को नियमित तौर पर सुना करता था। वह श्रीलंका में आत्मघाती हमला करना चाहता था।
एनआईए का यह भी मानना है कि 2016 में इसलामिक स्टेट से जुड़ने के लिए अफ़ग़ानिस्तान जाने वाले 22 लोगों की टीम के संपर्क में भी रियाज़ था और उन लोगों के साथ वह भी जाना चाहता था। उसने हाल फ़िलहाल फ़ेसबुक पर अपना नाम बदल कर ‘अबू दुज़ानी’ कर लिया था।
लेकिन मामला सिर्फ़ एक रियाज़ अबू बक़र का नहीं है। इसलामिक स्टेट के तार दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के अनुसार, केरल के दो मुसलिम प्रचारक कुछ साल पहले श्रीलंका गए थे और उन्होंने वहाँ इसलाम के कट्टर और पुरानपंथी स्वरूप पर भाषण देने और उसका प्रचार करने की कोशिश की थी। पर स्थानीय लोगों ने इसका ज़बरदस्त विरोध यह कह कर किया कि इससे समुदायों के बीच मतभेद बढ़ेगा। उन प्रचारकों को वापस लौटना पड़ा।
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