कर्नाटक में 4 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भी 10 जून को मतदान होगा। बीजेपी की ओर से निर्मला सीतारमण, जग्गेश, लहर सिंह सिरोया चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश, मंसूर अली खान और जेडीएस की ओर से कुपेंद्र रेड्डी चुनाव मैदान में हैं।
इस तरह 4 सीटों के लिए 6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
224 सीटों वाली कर्नाटक की विधानसभा में कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 120 विधायक हैं लेकिन बीएसपी के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी बीजेपी के साथ है और इस लिहाज से बीजेपी के पास 122 विधायक हैं। जेडीएस के पास 32 विधायक हैं।
कर्नाटक में राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए 45 वोटों की जरूरत है। इस लिहाज से बीजेपी 2 सीटें आसानी से जीत सकती है। जबकि कांग्रेस एक सीट जीत सकती है।
चौथी सीट के लिए होगा मुकाबला
चौथी सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा किया है।
कांग्रेस के एक उम्मीदवार की जीत के बाद उसके पास 25 वोट बचेंगे और उसे 20 और वोटों की जरूरत होगी। जबकि बीजेपी के 2 विधायकों के जीतने के बाद उसके पास 32 वोट बचेंगे और उसे तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए 13 वोटों की जरूरत होगी। जबकि जेडीएस को अपने एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 13 वोटों की जरूरत है।
बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों पर नजर रखने और किसी तरह की क्रॉस वोटिंग ना हो, इसके लिए अपने तमाम नेताओं को तैनात किया है।
कर्नाटक की सियासत में कांग्रेस और जेडीएस ने पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन दोनों पार्टियों के विधायकों की बगावत के बाद यह सरकार गिर गई थी और राज्य में बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली थी।
बाद में कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन तोड़ लिया था और दोनों दलों ने कहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वे अलग-अलग उतरेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव को निश्चित रूप से काफी अहम माना जा रहा है।
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