कर्नाटक में जैन भिक्षु आचार्य श्री कामकुमार नंदी की हत्या पर विवाद बढ़ रहा है। बेलगावी जिले में कथित तौर पर हत्या के बाद उनका शव 5 जुलाई को मिला था। भाजपा इस मामले को जोरशोर से उठा रही है और उसका आरोप है कि इस मामले में मुलजिमों को बचाया जा रहा है। कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने आज सोमवार 10 जुलाई को कहा कि भाजपा इसे "सांप्रदायिक आधार पर उठाना" चाहती है।
मीडिया से बातचीत में खड़गे ने कहा कि जैन समाज राज्य सरकार की जांच से संतुष्ट है। उन्होंने संकेत दिया कि कथित हत्या व्यक्तिगत झगड़े के कारण हो सकती है और यह कोई साम्प्रदायिक मुद्दा नहीं है। खड़गे ने कहा कि "जैन समुदाय राज्य सरकार की जांच से संतुष्ट है। जैन समुदाय ने इसकी जांच किसी अन्य एजेंसी को देने के लिए सरकार पर दबाव नहीं डाला है। गृह विभाग पर्याप्त रूप से सक्षम है, किसी भी दोषी को भी बख्शा नहीं जाएगा।"
एएनआई के मुताबिक खड़गे ने कहा, "जहां तक भाजपा का सवाल है, वे जो चाहें मांग कर सकते हैं। जांच रिपोर्ट सामने आने दीजिए...जैन समुदाय सरकार के साथ है, वे जानते हैं कि सरकार का कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं है और ऐसा लगता है कि यह व्यक्तिगत झगड़े का मामला लगता है। चूंकि भाजपा के पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इसे सांप्रदायिक आधार पर उठाना चाहते हैं।"
खड़गे की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, केंद्रीय मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बात करते हुए, सत्तारूढ़ कांग्रेस पर स्थानीय लोगों को यह बयान देने के लिए मजबूर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया कि जैन भिक्षु कुछ वित्तीय लेनदेन में शामिल थे। पुलिस आरोपियों को बचा रही है।
जोशी ने आरोप लगाया कि जैन भिक्षु कामकुमार नंदी महरा की हत्या बेहद निंदनीय है। आरोपी का नाम भी शुरू में सामने नहीं आया था। स्थानीय लोगों को यह बयान देने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया था कि वो (मृत भिक्षु) कुछ वित्तीय लेनदेन में शामिल थे। इसका मतलब यह है कि उनकी वित्तीय आदतें उनकी हत्या का कारण बनीं। लोगों को संदेह है कि आरोपियों को बचाया जा रहा है।
एएनआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि यह तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है। कर्नाटक सरकार दबाव के बाद ही सक्रिय हुई। यह गलत है...हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।"
जैन भिक्षु 5 जुलाई को अपने आश्रम से लापता हो गए थे, शनिवार को मृत पाए गए। उनका शव टुकड़ों में कटा हुआ चिक्कोडी तालुक के हिरेकोडी गांव में एक बंद पड़े बोरवेल में मिला।
इस केस में पुलिस दो कथित आरोपियों नारायण बसप्पा माडी और हसन दलायथ को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का कहना है कि हत्या पैसों के विवाद को लेकर की गयी है।
भाजपा के राज्य प्रमुख नलिन कुमार कतील ने घटना की निंदा की और अपराध से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करते हुए गहन जांच की मांग की। कतील ने एक बयान में कहा, "सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों पर मामला दर्ज किया जाए।"
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